25 फरवरी 2016
<p> आलोक जी आप की चिंता एक दम सही है की देश में अराजकता का माहोल पैदा किया जा रहा है लेकिन हालत इतने भी बुरे पैदा नहीं हुए है अभी तक की मार्शल लॉ की घोषणा की जा सके ये किसी भी देश के लिए बहुत ही दुर्भाग्य की बात होती है जहाँ पर मिलिट्री को अपने हाथ में देश की बग़डोर लेनी पड़े भरोसा रखिये दिन सुढरेंगे और जनता ही सुधारेगी ये लोग जो देश में गन्दा और अराजकता का माहोल पैदा करने की सोच रहे है है वो ये नहीं जानते की ये हिन्दुस्तान है यहाँ के लोग देश के लिए जान देना भी जानते है और जान लेना भी जानते है </p><br><br><p> जय हिन्द </p>
2 मार्च 2016
<p> आलोक जी आप की चिंता एक दम सही है की देश में अराजकता का माहोल पैदा किया जा रहा है लेकिन हालत इतने भी बुरे पैदा नहीं हुए है अभी तक की मार्शल लॉ की घोषणा की जा सके ये किसी भी देश के लिए बहुत ही दुर्भाग्य की बात होती है जहाँ पर मिलिट्री को अपने हाथ में देश की बग़डोर लेनी पड़े भरोसा रखिये दिन सुढरेंगे और जनता ही सुधारेगी ये लोग जो देश में गन्दा और अराजकता का माहोल पैदा करने की सोच रहे है है वो ये नहीं जानते की ये हिन्दुस्तान है यहाँ के लोग देश के लिए जान देना भी जानते है और जान लेना भी जानते है </p><br><br><p> जय हिन्द </p>
2 मार्च 2016
<p><span style="background-color: rgb(246, 246, 246); line-height: 1.42857143;">अमितेश जी आप काफी हास्यात्मक व्यक्ति है लेकिन आप ने हँसी हंसी में बड़ी बात बोल दी ये सच है।</span></p>
25 फरवरी 2016
<p>संजय जी हम लोग तो सिर्फ सोच सकते है जो देश के लिए उत्तम हो जैसा अपने कहा कि कुछ जवान काफी होते है चुनाव को सुचारू रूप से करने के लिए तो निश्चित ही वह दृश्य देखने लायक होगा जान पूरे देश में आर्मी दिखेगी।</p>
25 फरवरी 2016
<p>युवराज जी अगर देश पे आर्मी का शासन काल होगा तो सब कुछ सुचारू रूप से चलेगा एक बात और जो हीला हवाली होती है उसका खात्मा होगा आतंकवाद का जड से खात्मा होगा आज आतंकवाद कही न कही राजनीत से प्रेरित है तथा इस देश के कुछ राजनेता जो जयचन्द्र का काम कर रहे है ये बताने कि जरुरत नही है कि जेएनयू में जो कुछ भी हुआ उससे राजनेताओ के असली चेहरे देश कि जनता के सामने उजागर हुए है वही दूसरी ओर अफजल जैसे आतंवादी को न्याय पालिका से फाँसी कि सजा सुनाई गयी उस वक़्त केंद्र कि सरकार के एक प्रमुख औधे पर बैठे मंत्री ने फाँसी की बहाली हेतु अपनी संस्तुति देते हुए अपनी पुरजोर कोशिश के साथ फाँसी की सजा को बदलने हेतु राष्ट्रपति महोदय को क्षमा दान करने हेतु भेजा जिसे राष्ट्रपति जी ने ख़ारिज करते हुए उच्चतम न्यायालय के आदेश पर अग्रिम कर्यवाही सुनिचित किये जाने का आदेश पारित किया मैं ये कहना चाहता हूँ कि इस देश की राजनीत बहुत ही भ्रस्ट और गन्दी हो गयी है नेता अपने स्वार्थ सिद्धि में तत्पर है किसी को भी देश से कोई सरोकार नही रह गया है ऐसी दशा में आर्मी ही ऐसा विकल्प है जो राष्ट्रवाद अनुशासन एवम सिद्धान्तों पर खरी उतरेगी और आम जनता की आवाज़ को कुचलने का प्रयास नही करेगी हाँ यदि कुचला ही गया तो केवल राष्ट्रद्रोही ही सलाखों के पीछे जायेंगे वो दिन देश का शुप्रभात होगा। </p>
25 फरवरी 2016
सर जी सही पकडे है सेना का आने का मतलब है पाकिस्तान इंडिया में जुड़ जायेगा क्योंकि हम लोग लड़ाई में जीत लेंगे पाकिस्तान को वैसे भी पुलिस वाले बड़ा सा तोंद लेकर वसूली करते है कोई काम नही करते दौड़ भी नही पते ऐसा हो गया तो हम लोग खुश हाल होंगे।
25 फरवरी 2016
<p>अलोक जी मैं भी यही चाहूँगा कि आर्मी देश पर कब्ज़ा करें इससे दो चीज़े होंगी एक तो हम सेफ रहेंगे और देश राह राह चलेगा अब चुनाव में देख लो जब चुनाव होते है तो कुछ सैनिक काफी होते है चुनाव ठीक से कराने के लिए अब सोचिये जब आर्मी पूरे देश में दिखेगी तो क्या नज़ारा होगा वो सिर्फ इमेजिन करिये सारे क्राइम रुक जायेंगे | </p>
25 फरवरी 2016
<p>अलोक जी देश में जिस प्रकार आपराधिक घटनाओ के बढ़ने के साथ साथ देश में विरोध की स्थिति उत्तपन्न हो रही है उससे यही लगता है कि वो दिन दूर नहीं जब भारतीय सेना इस देश पर अपना अधिपत्य स्थापित करेगी , इस देश पर उनका शासन व अधिकार होगा और वही सर्वेसर्वा बनेगी क्योंकि भारतीय सेना के अनुशासन का भय लोगो में सदैव निहित रहता है और देश में आज इसकी ही उपयोगिता आवश्यक है इसके अतिरिक्त और कोई विकल्प नहीं है |</p><br><p>जहाँ तक राजनितिक दलो का प्रश्न है वे केवल एक दूसरे पर आरोप लगाने में व्यस्त दिख रहे है जिनकी सरकार है वो विदेश यात्रा में व्यस्त है और जीनकी सरकार नहीं है जो विरोधी दल के नेता है वो सरकार पर आरोप , देशद्रोहियो के समर्थन में व्यस्त है | समाचार माध्यम के एक वाद-विवाद कार्यक्रम के समय एक क्रांग्रेस ने प्रवक्ता द्वारा भारतीय सेना के एक सेवानिवृत अधिकारी से जिस प्रकार अशिष्ठता से वर्तलाभ किया गया वह अशोभनीय है जब ये नेता सेना के सम्मानित अधिकारी के साथ अशिष्ठता से वार्ता कर सकते है तो ये एक आम नागरिक से किस प्रकार का बर्ताव करेंगे ये स्पष्ठ हो गया है | अलोक जी मैंने भी वह कार्यक्रम देखा था मुझे बड़ा दुःख हुआ कि ऐसे लोग देश पर शासन करना चाहते है जिन्हें भारतीय सेना के सदस्य से वार्ता करनी नही आती दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता देशद्रोह की एक नयी संज्ञा देते दिखे | अलोक जी ये है राजनीति जिसमे न तो राज है और न ही नीति |</p><br><p>अलोक जी मुझे बड़ी प्रसन्नता होगी जब इस भरतवर्ष में भारतीय सेना का शासन होगा जो देश की दशा और दिशा को बदल देगा | देश अनुशासित होगा दंड के लिए समान प्रावधान होगा और देश विरोघी गतिविधियों को समय पर ही समाप्त कर दिया जायेगा |</p><br>
25 फरवरी 2016