4 जनवरी 2016
<p>आप दोनों ने सही लिखा है . अगर हम लोग कोशिश करें भी तो बहुत सी ऐसी जगह है जहां अगर इंग्लिश का उपयोग न करो तो स्टेटस कम समझा जाता है . </p><p>जितनी आसानी से हम अपनी बात हिन्दी में जाहिर कर सकते हैं , वो अङ्ग्रेज़ी मे कहाँ ????</p>
7 जनवरी 2016
बिनय जी आपकी इस बात से मैं पूरी तरह से सहमत हूँ | इस देश में ऐसे बहुत से लोग है जो परिवर्तन और हिंदी के विकास की बात तो करते है परन्तु उसे अपने वास्तविक जीवन में अपनाते नहीं है लेकिन उसका एक एहम कारण भी है आज कल एक ट्रेंड चला है बड़ी बड़ी कम्पनीज नौकरी में अग्रेजी को ज्यादा महत्व दे रहे है यदि किसी को एक अच्छी कंपनी में नौकरी चाहिए अच्छे वेतन पर तो ये जरूरी हो गया है इसलिए हिंदी आज कल सिर्फ किताबो में सिमट कर रह गयी है |
5 जनवरी 2016