घर पहुचंकर ! रात को . . . . . . .
दक्ष ! अपने रूम में , बैड पर लेटा हुआ ; करुणा के बारें में ही सोच रहा था ॥ ॥ तभी दक्ष को अपने मोबाइल की ; मैसेज टोन की आवाज सुनाई देती है ॥ ॥ दक्ष फोन मे मैसेज चैक करते हुए . . . . . . .
" दक्ष ! आज आपसे मिलकर ; मुझे सच में बहुत अच्छा लगा . . . ॥ ॥ आज आप बहुत स्मार्ट लग रहे थे I l " ब्लू कलर " आप पर ; बहुत खिल रहा था ॥ ॥ पर वहाँ ; आपसे कुछ भी कहने की , मेरी हिम्मत ही नही हो रही थी । । ।
" Good night " दक्ष . . . . .
' करुणा ' का ये " Good night " मैसेज पढ़ कर ; दक्ष के चेहरे पर smile आ जाती है ॥ ॥
मुझे भी आज तुमसे मिलकर ; बहुत अच्छा लगा करूणा । । । " Good night " . . . . . . . .
उधर " करुणा " भी अपने बेड पर लेटे हुए ; दक्ष के बारे में ही सोचे जा रही थी । । उसकी ऑखो के सामने बार - बार ; दक्ष का ही चेहरा आ रहा था l
आप हंसते हुए कितने प्यारे लगते हो " दक्ष " ॥ ' करुणा 'अपने बेड के पास ही रखा हुआ ; दक्ष का दिया बुके उठा कर , अपने सीने से लगा लेती हैं ॥ और लंबी गहरी सांस लेते हुए . . . .
इन फूलो की महक में भी ; आप की ही खुशबु आ रही है ॥ ॥ " काश " . . श . . श . . आज इन फूलो की जगह आप होते . . . मेरे इतने पास . . . . ॥ ये सोचते हुए करूणा ! अपनी आँखे बंद करके दक्ष को अपने पास ; महसूस करने लगती हैं । । । फिर करुणा बंद आँखो से , दक्ष को महसूस करते हुए ; खुद को ' दक्ष की बाहो में ' देखने लगती है और दक्ष के हसीन सपनो में खोने लगती है I l
लेकिन ... दूसरे ही पल करूणा , एक लड़की को देखती है । जो जली हुई थी l वह दक्ष की बाहो से ; करुणा को हटाकर ' दक्ष को " kiss " करने लगती हैं ' . . फिर दूसरी लड्की जो खून से लतपथ थी । दक्ष के पास आकर चिपक जाती है ॥ ॥ वही दक्ष के पैरो से एक बड़ा सांप लिपटा हुआ था I l
ये सीन देखते ही करुणा ! डर कर अपनी आँखे खोल लेती हैं और उठकर बैठ जाती हैं ॥ ॥ करुणा की सांसे , बहुत तेज चल रही थी । । और डर की वजह से थमने का नाम ही नहीं ले रही थी । । ।
ये अजीब सा सीन ; मुझे क्यूं दिखाई देने लगा था ! में तो दक्ष की बांहों में अपने आप को महसूस कर रही थी ॥ ॥ और फिर ये डरावना सीन. . . मुझे क्यूं दिखाई दिया आखिर . . . ? ? ? करुणा ; डर कर खुद से बातें कह ही रही थी । कि ' करुणा ' अपनी आँखे खोल कर सामने देखती हैं ॥ ॥
' दक्ष ' , मेरा है . . . बस मेरा . . . . ! ये कहते हुए ! करुणा की आंखे नीली हो जाती हैं l l
में ' दक्ष ' से बहुत प्यार करती हूँ . . . करुणा ...... ॥ ॥ और करुणा जोर - जोर से हंसने लगती है । ।
मानवी ; वैश्या ; सांप और वो सारी आत्माएँ जो उस शैतान के अन्दर समायी है । जो शैतानी रुप में हर अमावस्या की रात को करुणा के साथ रहता है ॥ ॥ दक्ष की ओर खिंचा चला आ रहा था ॥ जो प्यार ' दक्ष ' के दिल में ' करुणा ' के लिए पनप रहा था ॥ ॥ वो सारी आत्माएं , उसे अपने लिए महसूस करने लगी थी । ।
अगली सुबह _ _ _ _ _ _
अरे ! मेरा सिर इतना भारी क्यूं हो रहा है ? ? करुणा अपने सिर हाथ रखते हुए ! जब वह नींद से जागती हुई ; अपने बैड पर बैठती हैं I l रात को कब मेरी आंख लग गयी थी I l मुझे कुछ याद नहीं . . . तभी करुणा की नजर , पास रखे फूलों के बुके पर जाती हैं I l जो करुणा को ' दक्ष ' ने दिया था । । करुणा उन फूलों को देखकर चौंक जाती है ।
इन फूलों को क्या हो गया हैं ? ? ? ये सारे सूखने की जगह काले क्यूं हो गए हैं ? ? ? और इनमें से इतनी अजीब सी स्मैल क्यूं आ रही है I l करुणा उठकर ; उस बुके को अपने रूम की विंडो से ! बाहर फेंक देती हैं l
मैं उस बुके को ; हमेशा अपने पास रखना चाहती थी l ये दक्ष का मुझे दिया हुआ ; पहला तोहफा था I l जिसे मैंने अभी फेंक दिया ॥ ॥
' ब्रिंदा ' करुणा के लिए ; चाय लेकर आती है ॥ ॥
माई ! मेरा सिर बहुत भारी हो रहा हैं आज . . . पता नही क्यूं ? ? ? करुणा ; ब्रिंदा से कहते हुए ! ! उसकी गोद में सिर रखकर लेट जाती हैं I l
ब्रिंदा ; करुणा की बात सुनकर हंसने लगती हैं l
क्या हुआ माई ? ? ? आप हंस क्यूं रही हो ? ?
क्यूंकि . . . मेरी बच्ची ! ! आजकल किसी के खयालों मैं खोई - खोई सी रहती हैं I l नींद भी पूरी नही हुई होगी . . . I l ब्रिंदा हंसते हुए करूणा के चेहरे और बालो पर प्यार से हाथ फेरते हुए ; कहती है । ।
क्या माई ! . . . . आप भी ! . . . . . करुणा शर्मा कर ; ब्रिंदा के गले लग जाती हैं I l
अगले कुछ दिनों में ही " दक्ष और करुणा " बहुत अच्छे फ्रेंडस् बन गए थे I l
दोनों के दिलों में ; एक - दूसरे के लिए प्यार बढ़ रहा था ॥ ॥ और कुछ दिन भी ; एक - दूसरे से बात किए बिना नहीं रह पाते थे । ।
करुणा . . . अपने ऑफिस में बैठी हुई थी ॥ ॥ करुणा अपना फोन उठाती हैं ' और मैसेज टाइप करने लगती है ।
मैं तुमसे मिलना चाहती हूं " दक्ष " । । बहुत दिन हो गए हमे मिले हुए ॥ ॥ मैसेज में करुणा ; दक्ष से मिलने के लिए कहती हैं . . . ॥ ॥ फिर करुणा , अपना फोन साइड रखकर ; मन ही मन सोचती हैं ।
मैं तुमसे मिलकर ; तुम्हें अपने दिल की बात बताना चाहती हूँ दक्ष . . . . कि मैं ! तुमसे प्यार करने लगी हूं . . . . अब मै एक दिन भी ; तुमसे बात किए बिना नहीं रह पाती हूं ॥ ॥ मैं तुम्हारे साथ , अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहती हूं l
तभी दक्ष का रिप्लाय आता हैं . . . . . . .
हाँ ! ! में भी तुमसे मिलना चाहता हूं . . . . . . करुणा ! दक्ष भी मिलने के लिए कहता है ॥ ॥और
करूणा ; मैसेज करती हैं . . . . . .
लेकिन . . . किसी कैफे में नहीं . . . . I l किसी ऐसी जगह जहाँ मन को सुकुन और शांति मिले ॥ मै " बस " तुमसे मिलना चाहती हूँ ; दक्ष . . . ॥ ॥ इसलिए आस - पास कोई शोर न हो ॥ ॥
दक्ष ; रिप्लाय करता हैं . . . . . . .
ok ! करुणा . . . . आज शाम 5 बजे ! तुम तैयार रहना ॥ में तुम्हे खुद लेने आऊँगा ॥ ॥ Bye . . . . . . .
शाम में , अपने ऑफिस के काम से फ्री होकर दक्ष ; करुणा को लेने उसके ऑफिस पहुंचता हैं । करुणा बार - बार घडी देखकर ; 5 बजने का बेसब्री से इंतजार कर रही थी I l और फिर दक्ष आ ही जाता हैं l
दक्ष और करुणा , समुद्र किनारे एक बडे पत्थर पर बैठे हुए हैं । चारो ओर बस ; प्यार करने वाले कपल्स ही दिखाई दे रहे थे । ताजी और ठंडी हवा करुणा के बालो को लहरा रही थी । । तभी . . . .
करुणा ; दक्ष के ' और पास ' आकर बैठ जाती हैं ॥ ॥ दोनो बाते कर रहे थे । तभी दक्ष ; करुणा का हाथ पकड लेता है I l करुणा के मन अजीब सी हलचल होने लगती हैं ॥ ॥ और करुणा , , दक्ष के कंधे पर अपना सिर रख लेती हैं ॥ ॥
में तुमसे कुछ कहना चाहता हूं . . करुणा ! हाँ ; बोलो दक्ष I l " I Love you " करुणा . . . . मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ ॥ ॥ करुणा के मन में खुशी की लहर दौड़ने लगती हैं . . . और करुणा . . . . " I Love you to " दक्ष . . . में भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं ....... ये सुनते ही दक्ष करुणा के गले लग जाता है । में तुम्हारे साथ अपनी सारी जिंदगी बिताना चाहता हूं I l
इसलिए . . .
में तुम्हें , अपनी फैमिली से मिलवाना चाहता हूँ . . करुणा ! मैंने अपनी माँ को तुम्हारे बारे में बताया दिया है । वो तुमसे मिलना चाहती हैं । । दक्ष ; करुणा से कहता हैं I l
करुणा और दक्ष एक - दूसरे के गले लग जाते है और दक्ष ; करुणा को अपनी बाहों में भर कर , अपनी आंखे बंद कर लेता हैं । दक्ष और करुणा एक - दूसरे को Kiss करने के लिए और करीब आते हैं ॥ ॥ तभी दक्ष को अपनी आँखों के सामने एक जली हुई लड़की का भयानक चेहरा दिखाई देता हैं और दक्ष : उस डरावने चेहरे को देखकर थोड़ा सहम जाता हैं और फिर करुणा से दूर हट जाता हैं । ।
क्या हुआ दक्ष ? ? ? कुछ नहीं बस ; में कुछ भूल गया था । . . . . . . .
हमम . . . ! तुम ठीक तो हो ना . . . . . ॥ हाँ ! मैं ठीक हूं .... और करुणा ; दक्ष से पूछते हुए उसका हाथ पकड़कर , दक्ष के सीने से लग जाती हैं ॥ ॥
क्या ' दक्ष ' कभी समझ पाएगा ? ? कि करुणा के साथ की बजह से उसे ऐसा महसूस हो रहा है ? ? क्या होगा . . . जब करुणा ; दक्ष के घर ; माँ से मिलने जाएगी ? ? ?
जानने के लिए आगे पढते रहे और बने रहें _ _ _ _ _