आज शाम 7 बजे ! " Golden Cafe House " मै ; में तुम्हारा इंतजार करूंगा . . ॥ दक्ष , करुणा से ! शाम मे cafe House मे मिलने के लिए कहता है ॥
okk ; दक्ष में पहुंच जाऊगी ॥ ॥ करुणा भी ; दक्ष को मैसेज करती हैं I l
" Golden cafe House " हैदराबाद का बहुत माना हुआ cafe House है । । जहां बड़े - बड़े बिजनेस मेन अक्सर आते रहते हैं ॥ ॥
' दक्ष ' को ' okk ' का मैसेज करने के बाद ; करुणा के चेहरे ; पर दबी - दबी सी खुशी झलकने लगती हैं ॥ दक्ष से मिलने की खुशी . . . . . . . . . . .
वहीं दक्ष भी ; काम में बिजी होते हुए भी ! करुणा के बारे में ; खुद को सोचने से रोक ही नहीं पा रहा था ॥ ॥
सिर्फ एक बार ! करुणा को फंक्शन मे मिलने से ; तो मेरा ये हाल हो गया हैं । . . . कि न चाहते हुए भी ; बार - बार उसका चेहरा ! मेरी आँखो के सामने आ रहा है ॥ ॥ आज शाम मिलने के बाद ; पता नही क्या होने वाला हैं । दक्ष ; अपनी चेयर पर बैठकर , मुस्कुराते हुए मन ही मन ! खुद के बारें में ये सब कहने लगता हैं ॥ ॥
कि तभी सर ! . . . सर . . . ! सर . . . ! ऑफिस का एक एम्प्लॉयी ' मोहित ' जो ' दक्ष ' से ; एक जरूरी फाइल पर डिसकस कर रहा था । । दक्ष को सर ! सर आवाज लगाता हैं I l जब ' दक्ष ' बीच डिशकशन में ही ; अपने ख्यालों में खो जाता हैं ॥ ॥
हाँ ! . . . . क्या हुआ मोहित . . ? तुम ठीक तो हो ? क्या कह रहे थे तुम अभी ? दक्ष ; सर आवाज सुनकर , हड़बड़ाते हुए मोहित से कहता हैं । ।
सर में तो ठीक हूँ ! पर . . . आप कहाँ खो गए थे ? मोहित ; दक्ष से कहता हैं । ।
कहीं नही . . . . बस ऐसे ही I l दक्ष ; मुस्कुराते हुए मोहित से कहता हैं । ।
आज ! सर को पता नही क्या हो गया है ? मुस्कुराए जा रहे थे ॥ बहुत खोये - खोये से थे सर आज और वो भी काम के बीच में । । 4 साल मै ; आज पहली बार मेंने ; सर को इस तरह से देखा हैं I l वरना काम के बारे में बात करते हुए ; किसी का फिजूल मै , हिलना तक उन्हें पसंद नही था ॥ ॥ मोहित केबिन के बाहर , ऑफिस के 3 - 4 लोगों को बताते हुए । ।
उधर ' करुणा ' का भी यही हाल था । । किसी भी काम में ; आज उसका मन ही नही लग रहा था I l
जैसे - जैसे घडी में टाइम निकल रहा था ॥ ॥ दोनों के अंदर मिलने की बैचेनी भी बढ़ रही थी ॥ साथ ही मानवी और बाकी सब आत्माओं के भी ॥ ॥ क्यूंकि . . . . . उन सब को भी ; अपने अंदर , प्यार का एक अजीब अहसास सा महसूस हो रहा था ॥ ॥ जो उन सब को ; करुणा के साथ ! दक्ष की ओर खींच रहा था I l
शाम के 6 बज चुके हैं । . . . . .
दक्ष जल्दी से घर पहुंचता हैं I l माँ ! मेरे लिए आज डिनर नही बनाना ; में फ्रेंडस के साथ बाहर जा रहा हूँ । । दक्ष ' माँ को आवाज लगाते हुए कहता हैं ॥ ॥
उधर ; करुणा भी घर पहुंच चुकी थी । । जल्दी कर करुणा ; आज पहली बार किसी से मिलने जा रही हैं । । और आज ही लेट हो जाएगी क्या ? ? करुणा ; घर के अंदर सीढिया चढ़ते हुए , अपने रूम मे जाते समय खुद से कहती हैं । ।
पहली बार किसी से मिलने जा रहा हूँ ! इस तरह . . . . खाली हाथ जाना ठीक नहीं लगेगा . . . करुणा के लिए कोई गिफ्ट ले लूं क्या में ? किसी से पूछ भी तो नहीं सकता इस बारे में ॥ शालिनी से . . . नहीं ! नहीं ! वो माँ को बता देगी । । और फिर अभी पहली मुलाकात ही तो है हमारी ॥ एक काम करता हूं ; में एक प्यारा सा . . . बुके ले लूंगा । । गिफ्ट को लेकर दक्ष ; थोडा कन्फ्यूज हो रहा था ।
क्या पहनू अब में ? ? ? . . . हमम ये . . . ये . . . नहीं ! . . . . . . फिर ये . . . ॥ ॥ हाँ ! तुम ये पहन लो ; इस ड्रेस में वो तुम्हे देखकर अपने होश खो बैठेगा . . . ॥ ॥
जब करुणा ; अपनी ड्रेस डिसाइड कर रही थी । । तभी पीछे से ब्रिंदा आकर कहती हैं ॥ करुणा पीछे पलटते हुए . . . . . . .
अरे ! माई आप ! आपको कैसे पता ? ? कि मैं . . . . क्यूंकि . . . में तेरी माँ हूं . . . ब्रिंदा ; करुणा के चेहरे प्यार से हाथ फेरती हुई कहती हैं । ।
करूणा ! माँ की बताई हुई ड्रेस पहनकर ; दक्ष से मिलने जाती हैं । ।
उधर ' दक्ष ' भी cafe जाने के लिए ! घर से निकल चुका था । ।
दक्ष के cafe पहुंचने के 5 - 10 मिनिट बाद ही , करुणा भी cafe पहुंच जाती हैं । ।
दक्ष ! अपनी टेबल बैठ कर ; करुणा का इंतजार कर ही रहा था l तभी करुणा अंदर आती हैं ॥
दक्ष ; करुणा को आता देख ! उसे देखता ही रह जाता हैं ।करुणा ; ब्लैक कलर की ड्रेस मे ; इतनी सुंदर लग रही थी । कि ' दक्ष ' अपनी पलकें भी नही झपक रहा था । । करुणा की ड्रेस , घुटनों तक आ रही थी ॥ उसके दूध जैसे गोरे शरीर पर ; ब्लेक ड्रेस बहुत खिल रही थी ॥ स्मोकी आइज और हाई पोनीटेल में ; आज करुणा का चेहरा और भी ज्यादा आकर्षक लग रहा था । । उसके चेहरे की चमक ; आज दक्ष को पहले से भी कई ज्यादा महसूस हो रही थी ॥ ॥
वही करुणा ; दक्ष वाली टेबल पर उसके सामने आकर ! बैठ जाती है । और दक्ष को देखकर करुणा ; थोड़ा सरमा जाती हैं ॥
Hi ! तुम आज , बहुत सुंदर लग रही हो करुणा ॥ ॥ दक्ष ; करुणा को फूल देते हुए कहता है । ।
थैंक यू सो मच ! दक्ष . . . .
दोनों एक - दूसरे को देखकर , मुस्कुराने लगते हैं ॥ ॥
वैसे आप भी आज ! इस " ब्लू शर्ट " में बहुत हैंडसम लग रहे हो " दक्ष " . . . । । " करुणा " मन में ' दक्ष ' की तारीफ करते हुए सोच रही थी । पर दक्ष से ये सब ; उसके सामने कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी I l
दोनो ही चुप बैठे हैं . . . दोनो मन ही मन एक दूसरे की तारीफ करते हैं . . पर बात शुरू कैसे करें ? ये दोनों को ही समझ नहीं आ रहा । ।
हमम . . . कॉफी . . . तभी दक्ष ! करुणा से कॉफी के लिए पूछता हैं ॥ और करुणा के हाँ कहने पर ; वेटर को इशारे से दो कॉफी लाने के लिए कहता हैं I l
फिर दोनों ! आपस में बातें करने लगते है . . ॥ ॥
तभी वेटर आकर दोनो के सामने ; कॉफी का कप रखता हैं ॥ ॥ जिसे देखकर दोनों ही जोर से हंसने लगते हैं ॥
करुणा हंसते हुए : ये कॉफी पर आपने . . . . दक्ष : - नहीं ! नही ! मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा था " करुणा " ॥ ॥ ये कॉफी पर हार्ट शेप बनाने का आइडिया मेरा नहीं है । । दक्ष भी हंसते हुए कहता हैं । । आज से पहले में ; इतना कब हंसा था । मुझे तो याद भी नहीं ॥
करुणा ! में भी . . . आपसे मिलकर इतने दिनो बाद बहुत हंसी हूँ । ।
और फिर बातों ही बातों में ; डिनर करते हुए ( टेबल पर ) " दक्ष का हाथ ! करुणा के हाथ से टच हो जाता है " । ।
सॉरी करुणा . . ॥ दक्ष का हाथ , करुणा से टच होते ही करुणा की आँखे नीली हो जाती हैं ॥ ' it's ok ' दक्ष . . . I l करुणा की आंखे नीली देखकर ! दक्ष एक पल के लिए समझ नही पाता है कि ऐसा अचानक से कैसे हुआ ?
तभी वेटर ; सर . . . आपकी स्पेशल मिठाई . . . " ॥ ॥ दक्ष वेटर की ओर देखकर वापस करुणा को देखता हैं ॥ ॥ करुणा की आंखे नार्मल होती हैं ॥ ॥
शायद ये मेरा वहम होगा । । अभी तो ठीक हैं . . . . दक्ष मन में ; करुणा की आंखों का कलर सोचते हुए कहता है I l
फिर दोनों ही ; डिनर करने के बाद , घर जाने के लिए उठते हैं l l
बाहर आकर . . . . आज बहुत अच्छा लगा ! तुमसे मिलकर . . . I मुझे भी ! दक्ष . . . . वाय ।
दक्ष और करुणा आपस में ; एक - दूसरे से ये कहते हैं और फिर घर निकल जाते हैं . . . I l l
लेकिन . . . . दक्ष कार मै अभी भी ; करुणा की उस वक्त नीली हुई आंखो के बारे में ही सोच रहा था ॥
क्या सच मे ऐसा कुछ हुआ था ? ? ? या ये सिर्फ मेरा एक वहम हैं I l वहम ही होगा दक्ष . . . चल छोड ना . . . . I l ऐसा भी कभी होता हैं क्या ? ?
क्या होगा आगे ? जब दक्ष को महसूस होगी करुणा के साथ मानवी . . . . ? ? ?
क्या दक्ष का प्यार ; शुरू होते ही ! हो जाएगा खत्म या फिर होगा अलग रोमांस . . . . ॥ ॥
जानने के लिए आगे पढते रहे और बने रहे_ _ _