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मिलने की बेचेनी

8 सितम्बर 2022

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अगले दिन सुबह _ _ _ _ _ _ _ _ _

' ब्रिंदा ' ; " करुणा " के रूम में आकर पर्दे खोलते हुए . . . आज मेरी गुड़िया को उठना नहीं हैं क्या ? ? ? 

हमम - - - - - - - करुणा ; सोते हुए ही कहती है ॥ ॥

या फिर कल रात को ; फंक्शन मे कोई पसंद तो नही आ गया । मेरी करुणा को ? ?  . . . . . प्यार से ! करुणा के सिर पर हाथ फेरते हुए  ; ब्रिंदा कहती हैं I l

अरे ! माई को कैसे पता चल गया ? ? करुणा : माँ की बात सुनकर , तुरंत आँख खोलते हुए सोचती है I l 

क्यूं ? ? ? आपको ऐसा क्यूं लगा माई  ? करुणा ; माँ से पूछती हैं ॥ ॥

क्यूंकि . . . में तेरी माँ हूँ ॥ ॥ समझी . . I l कौन हैं वो ? ब्रिंदा हंसते हुए पूछती हैं ।

कौन माई ? ? कोई बात नहीं हैं ऐसी . . ॥ ॥ मेरा सिर बहुत भारी हो रहा है : आज . . . ॥ लेकिन . . . पता नही क्यूं . . ? ?  करुणा ; माँ से बात को थोड़ा बदलते हुए कहती है ॥ 

सोयी नहीं होगी न ; ठीक से रात को . . . उसी के ख्याल आ रहें होगे बार - बार . . . ॥ ॥ ' ब्रिंदा ' , ' करुणा ' को चिड़ाते हुए कहती हैं । ।

क्या माई ! आप भी मुझे  . . . . . करुणा ; माँ के गले लगकर कहती हैं ॥ ॥

" ब्रिंदा " प्यार से करुणा का सिर सहलाते हुए . . . . .

अच्छा बाबा ! चल तेरे लिए अच्छी सी ; चाय बनाकर लाती हूं ॥ ॥ और हां ! अबान का फोन आया था ॥ ॥ तुझसे बात करने के लिए ; कल से कितनी बार फोन कर चुका हैं तुझे । बात कर लेना उससे ॥ . . . . इतना कहकर ब्रिंदा ! चाय बनाने के लिए चली जाती है ॥

हां ! कर लूंगी बस अभी . . . ये कहते हुए ! ' करुणा ' बेसब्री से ; अपना फोन चैक करने लगती है । ।

कि कहीं ' दक्ष ' का कोई मैसेज तो नहीं आया . . . . ॥ ॥ 

फोन देखकर ; करुणा उदास हो जाती है ॥ क्यूंकि . . . दक्ष का कोई मैसेज नहीं आया था । अभी तक सुबह से . . . . .

वहीं ' दक्ष ' को भी रात भर ; ' करुणा ' की मुस्कान ने सोने नहीं दिया ॥ ॥

अरे यार ! जैसे - ही में सोने की कोशिश करता हूं I l वापस करुणा का चेहरा दिखने लगता हैं ॥ ॥ चल दक्ष फिर से सोने की कोशिश करते है . . . और इस बार कोई गड़बड नहीं ॥ ॥ में एक लंबी सांस लेता हूँ . . . जिससे हो सकता है ; कि करुणा मेरे खयालों में से चली जाए ॥ और में सो पाऊं ॥ इसलिए अब आँख बंद और नो थोट्स . . . . ॥ ओके ॥

' दक्ष ' जैसे ही अपनी आंखे बंद करता है . . . न चाहते हुए भी उसे ; वापस से करूणा ही करुणा दिखने लगती है ॥  कभी उसका हंसना ; . . . कभी हड़बड़ा कर झूढ बोलना , . . . तो कभी उसका नजरो को झुकाते हुए ;  अपने बालो को हाथ से , कान के पीछे करना ॥ ॥

' दक्ष ' काफी देर तक ; करवट बदल - बदल कर , सोने की कोशिश करता रहा । लेकिन . . आज तो करुणा उसे जैसे - सोने ही नहीं दे रही थी . . . ॥ ॥ फिर दक्ष अपने मोबाइल में टाइम देखता हैं . . ॥ ओह गोड ! रात के 2 बज गए है । इसका मतलब में पिछले 3 घंटे से सोने की कोशिश कर रहा हूँ ॥ ॥ दक्ष ; बहुत परेशान हो जाता हैं  ॥ और " फिर कब उसकी नींद लग जाती हैं पता ही नहीं चलता . . . " ॥ ॥ 

सुबह के 8 बज चुके थे । . . . . . .

और दक्ष ! अभी तक अपने विस्तर पर , बेसुध होकर लेटा हुआ था । । 

तभी ' दक्ष ' के रूम का दरवाजा कोई नॉक करता हैं ॥

हमम . . . . आ जाओ . . . . . . . .

दक्ष ; गहरी नींद में ही , अंदर आने के लिए कहता हैं । ।

दरवाजा खुलते ही . . . क्या बात हैं भाई . . ? ? ? आज तो सूरज पश्चिम से ही निकल आया . . .  हमारे ' दक्ष भईया ' . . . आज अभी तक सो रहें है ॥ 

दक्ष की छोटी बहन ' शालिनी ' दक्ष से कहते हुए ; उसे छेड़ती है I l

क्या शालू . . . ? ?  क्या हो गया अब तुम्हे ; सुबह - सुबह . . . ? ? ? दक्ष नींद में करवट बदलते हुए ; अपनी छोटी बहन से पूछता है ॥ ॥  

भईया . . . टाइम देखो . . . सुबह 6 बजे उठकर ; जो इंसान हर रोज सुबह - सुबह ; मुझे नींद से जगाने आता था । । आज वो खुद सो रहा है ॥ शालिनी बहुत आश्चर्य से दक्ष से कहती है ॥ 

ऐसे कितना टाइम हो गया . . . ? ? दक्ष ; मोबाइल देखते ही . . उठकर बैठ जाता हैं ।  . . . ओहह गोड ! 8:30 , इट्स टू लेट दक्ष । . . . . दक्ष जल्दी से बैड से उठकर ; हड़बड़ी में वॉशरूम की जगह ; रूम के मेन गेट की ओर बाहर जाने लगता है ॥ ॥

भईया . . . सब ठीक तो है ना . . . I l शालिनी जोर से हंसते हुए  कहती हैं ॥ ॥

दक्ष ; ओह नो ! मै कहाँ जा रहा हूं । . . . शालिनी की बच्ची . . . . ॥ दक्ष ; शालिनी का एक कान , धीरे से खींचते हुए ॥ भईया ! भईया ! छोड़ दो ; अब नहीं करूंगी मजाक . . . ॥ शालिनी ; दक्ष से सॉरी बोलते हुए ; कान छोड़ने के लिए कहती है ॥

अब जाओ यहाँ से ; में तैयार होकर आता हूँ I l दक्ष , शालिनी को रूम से जाने के लिए कहता है । ।

दक्ष ; जल्दी से तैयार होकर नीचे आता हैं ॥ ॥ माँ ! नाश्ता तैयार हैं क्या ? ? जल्दी करो , में लेट हो रहा हूँ . . . ॥ ॥

हाँ ! हाँ ! नाश्ता कब का तैयार हैं ॥ ॥ दक्ष की माँ             " अंजना गर्ग " , दक्ष को चाय ; नाश्ता देते हुए कहती हैं ॥

इतने साल हो गए ; घर में काम करने वाले इतने लोग हैं . . . लेकिन . . . अपनी हर चीज के लिए अभी तक , माँ को ही आवाज लगाता हैं ॥ ॥ " अंजना " हंसते हुए , डाइनिंग टेबल पर दक्ष से कहती हैं ।

हाँ तो ! मेरे लिए तो शुरू से आप ही हो माँ ! मुझे आप से कहना ही अच्छा लगता है ॥ ॥ और आप जानती हैं ; कि मैं आपसे कितना प्यार करता हूँ ॥ दक्ष , नाश्ता करते हुए ; अपनी माँ से कहता है ॥ ॥

हाँ ! अच्छे से जानती हूं । . . . लेकिन . . कल " जब शादी हो जाएगी तब . . . " ॥ ॥ अंजना ; दक्ष से कहती हैं ॥ 

क्या माँ ? ? आप भी ना . . . ॥ ॥ मेरे लिए आपकी जगह कभी नही बदलने वाली . . . ॥ अच्छा अब में चलता हूं ; वैसे भी बहुत लेट हो गया हूं , आज में . . . . . .

वाय माँ ! . . . . .  दक्ष कहते हुए ; ऑफिस के लिए निकल जाता हैं ॥ ॥ 

उधर करुणा भी , नाश्ता करके अपने आफिस पहुँच चुकी होती हैं ॥ ॥ 

करुणा ; बार - बार अपना फोन चैक करते हुए ; मन ही मन कहती हैं ॥ यार ! 10 बज गए और अभी तक ; दक्ष का कोई मैसेज तक नहीं आया ॥ ॥

क्या हुआ मैम ? ? आप कुछ परेशान सी लग रही हैं ॥ ॥ एवरीथिंग इज ओके . . ? ? ? करुणा की पर्सनल सेकेटरी पूछती है I l

हाँ ! . . . सब ठीक हैं I l में तो बस यूं ही थोड़ा . . . तुम जाओ . . . ॥ करुणा ; सेकेरट्री को जाने के लिए कहती हैं ॥ 

तभी ! करुणा के मोबाइल पर , किसी का फोन आता हैं ।करुणा बिना नाम और नंबर देखे तुरंत फोन उठा लेती हैं ॥ ॥

हलो ! . . . . 

कहाँ हो करुणा ? कितनी बार फोन किया मैंने तुम्हें  . . . माँ को भी कहा था । तुमसे कहने के लिए । कहा गायब हो ; कल के बाद से ? . . . . " करूणा का भाई अबान " ; करुणा से उसके कही खो जाने की वजह पूछता है ॥ ॥

अबान ! तुम हो . . . . हाँ ! माँ ने बताया था । । हां ! में बस फोन करने ही वाली थी । एक्च्यूली नही !  सॉरी में भूल ही गयी थी ॥ ॥ करुणा ; अबान की आवाज सुनकर सेड मूड में कहती हैं ॥

क्या हुआ ? ? तुम् किसी और के फोन का इंतजार कर रहीं थी क्या . . ? ? ? अबान : करुणा से पूछता है ॥

नहीं अबान ! ऐसी कोई बात नहीं हैं । ये ऐसा कहते हुए करुणा और अबान ; कल के " अवार्ड सेरेमनी " की बहुत देर तक बात करते है ॥

अबान ; अपनी आगे की पढ़ाई के लिए हैदराबाद से " लंदन " चला गया था ॥

" दक्ष " - - शिट यार ! . . . . 12 बज गए और कल मैने करुणा से , आज शाम मिलने के लिए कहा था । । और अभी तक मैने उसे एक मैसेज भी नही किया ॥ ॥ वो क्या सोच रही होगी मेरे बारे में ? ? 

" दक्ष " अपना फोन उठाता है । और करुणा को " Hi " का मैसेज करता हैं । ।

Hi ! sorry karuna ! में मैसेज करने में काफी लेट हो गया . . काम में थोडा बिजी हो गया था I l

करुणा ! दक्ष का मैसेज देखकर खुश हो जाती हैं ॥ और Hello ! it's ok ! . . . . . " करुणा " Reply करती हैं I

थोड़ी देर ; करुणा और दक्ष ; दोनों मेसेज से बात करते हैं ॥ 

और दोनों ही एक - दूसरे से मिलने के लिए बेचेन रहते हैं ॥ ॥

लेकिन . . . . क्या होगा आगे ? जब ; करुणा दक्ष से मिलेगी ॥ 

क्या दोनों के दिलों में है ; ये प्यार की शुरुआत . . . या होगा कुछ ऐसा ! जो दक्ष को ' करुणा ' के बारे में कुछ और सोचने पर मजबूर कर देगा ॥ ॥

आगे की कहानी , जानने के लिए पढ़ते रहे और बने रहें    _ _ _ _ _ _ _ _

 

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