देहरादून: उत्तराखण्ड भाजपा के अध्यक्ष और नेता विपक्ष अजय भट्ट अल्मोड़ा ज़िले की रानीखेत सीट से जैसे ही चुनाव हारे मानों सारे मिथकों को याद किया जाने लगा. दरअसल, उत्तराखण्ड के सियासी के गलियारों में दो मिथक बिल्कुल प्रबलता के साथ बने हुये हैं. पहला अजय भट्ट हारते हैँ तो भाजपा सरकार, जीतते हैं तो कांग्रेस को मिलती है सत्ता.
देवभूमि को मिथकों की भूमि भी माना जाता है क्योंकि यहां एक नहीं दो दो मिथक राज्य के पहले चुनाव से बने हुये हैं. यहां दूसरा मिथक यह भी है कि जिस पार्टी को गंगोत्री सीट मिलती है, सरकार भी वही दल बनाता है. पिछली बार यह सीट कांग्रेस के पास थी, लेकिन इस बार भाजपा के गोपाल रावत ने यहां जीत दर्ज की है. कुल मिलाकर उत्तराखण्ड में ये दो मिथक इस बार भी नहीं टूटे.
दरअसल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अल्मोड़ा जिले की रानीखेत सीट पर कांग्रेस के करण माहरा से 4 हज़ार 981 वोटों से हार गए. पिछली बार जब अजय भट्ट ने जीत दर्ज की थी तो कांग्रेस सत्ता में आ गई थी. इसके पहले के चुनाव में भी यह सिलसिला बना रहा था. अब पूरे प्रदेश में भाजपा को बंपर सीटें मिली और भाजपा सरकार बनाने की तैयारी कर रही है, लेकिन अजय भट्ट हार गए.