लखनऊ:' इंडिया टीवी' पर बहुचर्चित एवम विश्वविख्यात रजत शर्मा के शो "आपकी अदालत" में दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा द्वारा बोले गये एक एक शब्द के बाद केजरीवाल को कतई हक नही बनता की वे एक सेकेंड के लिए भी दिल्ली के मुख्य मंत्री बने रहे।
रजत शर्मा के प्रश्नों के आगे बड़े बड़े धुरंधरों के होश फाख्ता हो जाते है पर कपिल मिश्रा ने जिस बेबाकी से रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए केजरीवाल और उनके कुछ चहेतों के विरुद्ध जो तथ्य प्रस्तुत किये है वह एक सच्चा और ईमानदार व्यक्ति ही कर सकता है।
यह निश्चित है कि केजरीवाल कुछ ऐसे चापलूसों से घिरे है जो पैसों के अतिरिक्त सुरा सुंदरी में भी संलिप्त रहते है,पंजाब के नेता घुग्घी ने भी ऐसे ही आरोप लगाकर आप पार्टी से अपने को अलग कर लिया है।कपिल मिश्रा के आरोपो पर केजरीवाल की चुप्पी यह प्रमाणित करती है कि मिश्रा द्वारा उनके ऊपर लगाये गये सभी आरोप स्वतः प्रमाणित और सत्य है।
ज्ञात हो कि कपिल मिश्रा ने सत्येंद्र जैन, संजय सिंह, राघव चड्ढा और आशीष समेत दूसरे कुछ नेताओं की विदेश यात्रा ओं पर सवाल उठाए थे। कपिल ने पार्टी नेताओं की विदेश यात्रा की डिटेल्स सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर वो अनशन पर बैठे हुए हैं।
वहीं उन्होंने सीएम अरविंद केजरीवाल पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से दो करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। जिसके बाद उन्हें मंत्रीपद से हटा दिया गया था, बाद में कपिल को पार्टी की सदस्यता से भी निष्कासित कर दिया गया था। कपिल ने टैंकर घोटाले में एसीबी को बयान दर्ज कराए हैं. कपिल ने इस घोटाले में अरविंद केजरीवाल और उनके करीबियों की भूमिका होने पर सवाल उठाए थे।
केजरीवाल भ्र्ष्टाचार के विरुद्ध अन्ना आंदोलन के सहारे सत्ता में आने की, चालबाज़ी से दिल्ली की जनता अपने को "ठगा" महसूस करने लगी है।केजरीवाल को अब कतई यह हक नही रह गया है कि वे एक सेकेंड भी सीएम की कुर्सी पर बैठकर उसे बदनाम करे।
मुख्यमंन्त्री रहते हुये कपिल मिश्रा की शिकायतों पर सीबीआई या अन्य किसी संगठन द्वारा केजरीवाल को गिरफ्तार किया जाये, उससे पूर्व केजरीवाल को दिल्ली की जनता के हित मे मुख्य मंत्री के पद से त्याग पत्र देकर स्वंम हट जाना चाहिए।यही उनकी ईमानदारी की कसौटी का आखिरी प्रमाण होगा।