नई दिल्लीः कथित जासूसी के आरोप में भारतीय नेवी के जिस रिटायर्ड कमांडर कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में मौत की सजा सुनाई गई है, उस पर एक बार फिर इंडिया संवाद ने बड़ा खुलासा किया है। पाकिस्तान का दावा है कि जाधव को बलूचिस्तान में गिरफ्तार किया गया, जबकि हकीकत है कि उनका ईरान से अपहरण हुआ। जहां वह नेवी से सेवानिवृत्त होने के बाद बिजनेस कर रहे थे। टॉर्चर कर जाधव से मनमाफिक बयान दिलवाकर पाकिस्तान भारत के खिलाफ दुष्प्रचार की कोशिश में जुटा है। ताकि दुनिया को बरगलाया जा सके कि भारत जासूसों के जरिए बलूचिस्तान में खुराफात करने की कोशिश में है। चूंकि जाधव नेवी बैकग्राउंड से थे, इस नाते पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को लगा कि उन्हें गिरफ्तार कर जासूसी की झूठी कहानी चस्पा की जा सकती है। कुलभूषण जाधव केस से जुड़ी पूरी जानकारी के लिए सुनिए इंडिया संवाद के मैनेजिंड एडिटर दीपक शर्मा के साथ रिटायर्ड कर्नल व दिल्ली के महिपालपुर विधायक देवेंद्र सहरावत व रिटायर्ड आइएएस अधिकारी प्रभात चंद्र चतुर्वेदी की चर्चा।
क्या हैं मामला
आप को बता दें कमांडल कुलभूषण को पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआई ने फंसाया है. कुलभूषण की बलूचिस्तान से गिरफ्तारी नहीं हुई बल्कि आईएसआई ने एक साजिश के तहत ईरान से उन्हें किडनैप कर पाकिस्तान लाया. इसके बाद टॉर्चर कर एक वीडियो बनवाया. जिसमें कुलभूषण से जबरन रॉ एजेंट होने की बात कुबूल कराई गई.
कुलभूषण के साथी सैन्य अफसरों ने बताया सच
इंडिया संवाद ने भारतीय नेवी के रिटायर्ड कमांडर कुलभूषण जाधव के साथ काम कर चुके सैन्यकर्मियों से बातचीत कर पूरी साजिश का खुलासा किया था। कर्नल देवेंद्र सहरावत ने इंडिया संवाद से बातचीत में कहा था कि कुलभूषण जाधव एक इमानदार अफसर रहे हैं। वह सेना से रिटायरमेंट के बाद अपना बिजनेस का कारोबार कर रहे थे जिसके सम्बन्ध में वह ईरान में थे। उनके साथ ट्रेनिंग का हिस्सा रहे ईरानी सेना के अधिकारियों ने भी इस बात को स्पस्ट किया है कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सेना ईरान से अपहरित करके पाकिस्तान ले गई और जबरदस्ती साजिश के तहत उन्हें रॉ का जासूस बता रही है।
पाक सेना ने टॉर्चर कर बनाया फर्जी वीडियो
कर्नल देवेंद्र सहरावत ने उस दौरान इंडिया संवाद से कहा था कि पकिस्तान ने जो विडियो भेजकर दावा किया है कि जाधव ने खुद कबूला है वह रॉ का अधिकारी है दरअसल वह पूरा झूठ है। और उन्हें टॉर्चर करके ये बयान दिलवाया जा रहा है। इस मौके पर सेना के पूर्व रिटायर अफसर के के सिंह, मेजर डीसी राव, कर्नल महाबीर यादव और कर्नल राजेश भारद्वाज मौजूद थे।