देखिए मैं आपकी पत्नी जरूर हूँ लेकिन मैं एक औरत भी हूँ...जिस दुनियां में आप रहते हैं, वह भी सही है और जिस दुनियाँ में मैं रह सकती हूँ वह भी सही है...मेरा शरीर संतृप्त होता रहे और मेरा मन तृप्त होता रहे, यह मुझे आप के साथ बहुत दूर तक नहीं ले जा सकता...
दुनियाँ में जितने भी त्यौहार मनाये जाते हैं, उनका मकसद केवल प्रेम हैं. एकता को बनाये रखने के लिए ही त्यौहार शुरू किये गये, लेकिन आज हम सभी वास्तविक्ता से बहुत दूर आपसी बैर में एकता को खत्म कर रहे हैं. क्रिसमस डे दूनियाँ में सर्वाधिक मनाये जाने वाले
रामायण कालीन प्रमुख नारियों के बारे में यथासम्भव जानकारियां ।
जीएससीएचजेके एचडीएफआईआई जीडीसीजेके उद्धी एचएफसीएचके एचजीएफसी जगक हफशिक यूडीएसडीएचजेके जेडीसीबीके
फासीवाद के विरोध में अपना सर्वस्व दाव पर लगाकर जो लड़ाई बंजारो ने हमारे पूर्वजों ने 1857 में शुरू की थी वह आज तक रुकी नहीं है हमने अंग्रेजों के विरुद्ध शस्त्र उठाए और युद्ध का आगाज किया अंग्रेजों ने कानून और भारत सरकार के साथ मिलकर सीटी एक्ट बनाकर हम
अपने भ्रमण और अध्ययन से अर्जित ज्ञान और जानकारी को संग्रहित कर सबके समक्ष रखना।
इस आयाम के अंतर्गत आप इतिहास, पुरातत्व तथा साहित्य सम्बन्धी प्राच्य अभिलेखों का अवलोकन कर सकते हैं I
प्रतीक यादव मुलायम सिंह के बेटे हैं! भाजपा में शामिल होने वाली अपर्णा यादव 6 करोड़ रुपए की कीमत वाली लेम्बोर्गिनी कार में सफर करती हैं। ========= 19 जनवरी को श्रीमती अपर्णा यादव भाजपा में शामिल हो गई। अपर्णा यादव का भाजपा में कितना महत्व है, इसका अ
आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसमें अपनी एकलौती बेटी इंदिरा नेहरू का जिक्र किया था। जिसका सारांश इस प्रकार है- एक खत एकाएक खत्म हो जाता है। गर्मी का मौसम खत्म होता है और इंदिरा पहाड़ से उतर आई। फिर ऐसे खत लिखने का मौका मुझे नहीं मि
इसकी रचना चौथी शताब्दी में हुई थी। इसमें चाणक्य और चन्द्रगुप्त मौर्य संबंधी ख्यात वृत्त के आधार पर चाणक्य की राजनीतिक सफलताओं का अपूर्व विश्लेषण मिलता है। इस कृति की रचना पूर्ववर्ती संस्कृत-नाट्य परंपरा से सर्वथा भिन्न रूप में हुई है- लेखक ने भावुकता
दस्यु और दासों के संघर्ष की एक अनोखी दास्तां जिसमें यदि एक ओर मलय और बेला की प्रेम गाथा शामिल है तो वहीं दूसरी नागों का बुना एक घिनौना जाल भी शामिल है..... मृगांकदत्त जिसे नहीं पहचानता वह काल सिंधु घाटी से बहुत दूर बड़ा हो रहा है....क्या है नागो की अ
प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। कर्मभूमि का कथासार ‘कर्मभूमि’ यथार्थ और आदर्श के
कर्मा बाई एक गरीब महिला थी जो भगवान कृष्ण कि परम भक्त थी,