नई दिल्ली : कुलभूषण जाधव मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में सुनवाई शुरू हो गई है. भारत-पाकिस्तान 18 साल बाद किसी केस में इंटरनेशनल कोर्ट में आमने-सामने हैं. इससे पहले 1999 में भारत ने पाक नेवी के एक एयरक्राफ्ट को मार गिराया था. इस मामले को लेकर पाकिस्तान ICJ पहुंचा था. इस बार भारत की ओर से अपील की गई है. भारत को अपनी बात रखने के लिए करीब डेढ़ घंटे का वक्त दिया गया. वहीं, पाकिस्तान शाम को अपना पक्ष रखेगा. केस की सुनवाई 11 जजों की बेंच कर रही है...
Live :
कुलभूषण जाधव से जब बयान लिया गया तब वह पाकिस्तानी सेना की हिरासत में थे.
जाधव के बयान वाले टेप से पाकिस्तान ने किया छेड़छाड़.
भारत को डर है कि जाधव को सुनवाई पूरी होने से पहले ही फांसी दे सकता है पाक.
भारत का पक्ष लगातार यही है कि जाधव को ईरान से किडनैप किया गया.
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के बारे में कोई सबूत देने से इंकार किया.
जाधव मामले में हमने 16 बार राजनयिक मदद की गुहार लगाई.
जाधव को फांसी मानवाधिकारों का उल्लंघन, मुकदमे के बारे में पाकिस्तान ने कोई सूचना नहीं दी.
जाधव मामले में हमने 16 बार राजनयिक मदद की गुहार लगाई.
ICJ:जाधव मामले की सुनवाई में हरीश साल्वे रख रहे हैं भारत का पक्ष.
जस्टिस अब्राहम 11 जजों की बेंच को लीड कर रहे हैं. अब्राहम ने भारत और पाकिस्तान के पक्षों को पढ़कर सुनाया. अब्राहम ने कहा- "पाकिस्तान सरकार ने कुलभूषण सुधीर जाधव पर आरोप लगाए हैं। अब्राहम ने साफ किया कि जाधव की सुनवाई वियना कन्वेंशन के आधार पर होगी। कोर्ट ने दोनों पक्षों को मौका दिया है कि वो अपनी दलीलें पेश करें। भारत ने अपील की है कि जाधव पर लगाए गए आरोप गलत हैं।"
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस मेंं भारत की तरफ से हरीश साल्वे पैरवी कर रहे हैं। भारत ने 8 मई को आईसीजे में पिटीशन लगाकर जाधव के लिए इंसाफ मांगा था. दोनों पक्षों को अपनी दलील देने के लिए बराबर वक्त दिया जाएगा। कोर्ट ने इसे ‘ओरल आर्गुमेंटेशन’ कहा. भारत की तरफ से दीपक मित्तल दलील रखी. दीपक ने सभी वकीलों के नाम लिया. इनमें हरीश साल्वे और काजल भट्ट भी शामिल हैं. उन्होंने बताया- " भारत ने कहा कि जाधव को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया. भारत को काउंसलर एक्सेस भी नहीं दिया गया जबकि इसके लिए बार-बार डिप्लोमैटिक रिक्वेस्ट की गईं. एक बेकसूर भारतीय को पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया है. यह सिविलाइज्ड वर्ल्ड में गैर कानूनी है. जाधव के बुजुर्ग मां-बाप हैं. जाधव को मिलिट्री कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है."
जाधव को सिर्फ इकबालिया बयान के आधार पर फांसी की सजा सुनाई गई। अगर वो दोषी थे तो उनका केस मिलिट्री कोर्ट में क्यों चलाया गया. भारत को इस सुनवाई पर ही आपत्ति है. उनको डिफेंस लॉयर क्यों नहीं दिया गया. भारत सरकार ने 27 अप्रैल को पाकिस्तान के पीएम को दखल देने के लिए भी लेटर लिखा था लेकिन इसका भी जवाब नहीं दिया गया। पाकिस्तान में मिलिट्री कोर्ट द्वारा डेथ सेंटेंस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. वहां की मिलिट्री द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने ही वहां 18 लोगों को सजा-ए-मौत दी गई."