रामगुलाम एक फौजी था । उसके पिताजी उमेद ने एक सेठ के पास अपनी एक एकड ज़मीन को गिरवी रखकर उधार में 50हज़ार रुपिये लिये थे। कुछ वर्ष बीत जाने के बाद उस सेठ की नियत में खोट आ गई और वह उस ज़मीन को हड़पने का षड़यंत्र रचने लगा। तब फौजी बेटे ने अपना तरीका आज़माने का मन बना लिया।
12 फ़ॉलोअर्स
144 किताबें