श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में सेना ने साल 2017 के पहले दो महीनों में ड्यूटी पर तैनात अपने 26 सैनिकों को खो दिया जबकि सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ दबिश बढ़ा दी और 50 दिनों में 22 चरमपंथियों को ढेर कर दिया। मारे गए आतंकियों का यह आंकड़ा वर्ष 2010 के बाद सबसे ज्यादा है।
सुरक्षा अधिकारियों ने यहां बताया कि सेना के एक अधिकारी सहित 20 कर्मियों की घाटी में हुए हिमस्खलन में जान चली गई, जबकि समूचे राज्य में आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान छह सैनिक शहीद हुए। इसके बाद 22 आतंकवादी भी मारे गए।
सुरक्षा बलों को हुई हानि में एक मेजर स्तर का अधिकारी भी था जिसने 14 फरवरी को कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा इलाके में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपने प्राणों की आहूति दे दी। अधिकारियों ने कहा कि अभियान में तीन आतंकी मारे गए थे।
उन्होंने बताया कि 14 फरवरी को पहले तो, बांदीपुरा जिले के हाजिन इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में तीन सैनिकों की मौत हुई जबकि एक चरमपंथी भी मारा गया।
इससे पहले 12 फरवरी को कश्मीर के कुलगाम जिले में एक मुठभेड़ में चार आतंकवादियों को मार गिराया गया । मुठभेड़ में दो सैनिक शहीद हो गए थे।
सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच गोलीबारी में एक आम नागरिक भी मारा गया जबकि अभियान खत्म होने के बाद पथराव कर रही भीड़ पर सुरक्षा बलों की गोलीबारी में एक अन्य व्यक्ति की मौत हुई।