लखनऊ : यूपी चुनाव के तीसरे चरण से ठीक एक दिन पहले अखिलेश सरकार के परिवहन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रेप केस दर्ज कर लिया गया है. लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में 376डी, 376/511, 506आईपीसी,3/4 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
किसके जरिये मंत्री ने महिला को आवास पर बुलाया
गौरतलब है कि यह मामला पिछले साल सितंबर का है. चित्रकूट की 35 वर्षीय महिला ने तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके साथियों पर दुष्कर्म का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी. महिला का कहना था कि गायत्री प्रजापति के राजधानी के गौतमपल्ली स्थित सरकारी आवास पर उसका आना-जाना था. गायत्री ने अपने साथी अशोक तिवारी के जरिए उसे अपने आवास पर बुलाया और हमीरपुर में बालू के खनन का पट्टा देने की पेशकश की. इस दौरान गायत्री ने चाय मंगाई, जिसमें नशीला पदार्थ मिला था.
कैसे किया गया महिला को ब्लैक मेल ?
महिला ने आरोप लगाया कि चाय पीने के बाद वह बेहोश हो गई जिसके बाद गायत्री और उनके आवास पर मौजूद अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चंद्र पाल, रूपेश और आशीष शुक्ला ने उसके साथ दुष्कर्म किया. दुष्कर्म के दौरान इन लोगों ने उसका वीडियो बना लिया, जिसे दिखाकर उसे ब्लैकमेल किया गया.
क्यों टूटा महिला के सब्र का बांध ?
महिला के मुताबिक पार्क रोड स्थित विधायक आवास पर उससे एक महीने तक दुष्कर्म किया जाता रहा. महिला का कहना है कि लोक-लाज के कारण उसने यह बात किसी को नहीं बताई, लेकिन जब गायत्री प्रजापति की हवस भरी निगाह उसकी बेटी पर पड़ने लगी और उसे अपने आवास पर छोड़ने का दबाव बनाने लगे तो उसके सब्र का बांध जवाब दे गया. उसने पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ मीडिया के सामने इसका खुलासा किया था.
सुनवाई न होने पर महिला ने अदालत की शरण ली
महिला का आरोप है कि मंत्री गायत्री ने दो साल में कई बार उसका शारीरिक शोषण किया. महिला ने इसकी शिकायत डीजीपी के अलावा आईजी, डीआईजी और एसएसपी से भी की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद उसने गत 25 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी.