खड़गपुर बंगाल : IIT खड़गपुर से तक़रीबन 47 किलोमीटर दूर, मिदनापुर ज़िले के शालबनी ब्लॉक में आजकल ज़बरदस्त हलचल है. पिछले 15 दिनों से वायुसेना के हेलीकाप्टर से लेकर अर्धसैनिक बलों के ट्रक यहाँ अपना बेस बना चुके हैं. दिन भर में कई बार हेलीकाप्टर उड़ान भरते हैं और कोलकाता से आने वाले अफसरों का यहां तांता लगा रहता है जिसमे अधिकतर रिज़र्व बैंक के अफ़सर होते हैं. 8 नवम्बर के बाद से शालबनी के इस ब्लॉक में क़रीब एक हज़ार CISF के हथियारबन्द जवान भी तैनात किये गए हैं.
हेलीकाप्टर के ज़रिये नोटों को पहुंचाया
दरअसल शालबनी की सिक्योरिटी प्रेस पर इन दिनो केंद्र सरकार से लेकर बड़े बड़े बैंक की निग़ाह लगी हुई है. यहां की सिक्योरिटी प्रिंटिंग प्रेस उन चार सिक्योरिटी प्रेस में है जहाँ आजकल रात दिन 2000 और 100 रूपए के नोट छप रहे है. उन्हें हेलीकाप्टर की मदद से सीधे लिफ्ट करके कोलकता पहुँचाया जाय रहा है. जहाँ से नोट तक़रीबन 4000 बैंक चेस्ट में सप्लाई हो रहे हैं. पहली बार कोई 150 वायु सेना कर्मी भी प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारियों की नोट छापने में मदद कर रहे हैं. ज्यादा नोट छापने के लिए सरकार ने दैनिक वेतन भोगी कर्मियों की जगह वायु सेना के जवानो पर भरोसा किया है क्योंकि ज़िम्मेदारी बेहद संवेदनशील है.
सूत्रों के मुताबिक़ तीन महीने पहले तक शालबनी सिक्योरिटी प्रेस में सिर्फ़ दो शिफ्ट में छपाई होती थी लेकिन आजकल 24 घण्टे यहां छापाखाना चल रहा है. क़रीब एक हज़ार स्थायी कर्मचारी और 450 कैजुअल कर्मचारी तीन शिफ्टों में ओवरटाइम करके रोज़ाना औसत से दुगने नोट छाप रहे हैं. जब नोट के हज़ारों बण्डल और उन्हें लोड करने के लिए कर्मचारियों का अभाव हुआ तो वित् मंत्रालय ने सीधे रक्षा मंत्री से संपर्क किया. सूत्रों के मुताबिक़ रक्षा मंत्री ने यहाँ पैकेजिंग और बाकी मदद के लिए तुरंत 150 एयरमैन रवाना कर दिए जिनके पहुँचते ही छपाई की रफ़्तार और तेज़ हुई है.
सिक्योरिटी प्रेस में कोबरा कमांडो का पहरा
रिज़र्व बैंक की निग़रानी में चलने वाली नोट मुद्रण यानी करेंसी प्रिंटिंग प्रेस में इस साल सितम्बर में महाप्रबंधक के आदेश पर 2000 हज़ार रूपए के नए नोट छपने शुरू हुए थे. अक्टूबर आते आते यहाँ एक और आदेश आया जिसमे 100 रूपए के नोट छापने की संख्या तेज़ी से बढ़ाई गयी थी. बहरहाल कर्मचारियों ने जब 8 नवम्बर को प्रधानमंत्री मोदी का देश के नाम सन्देश टीवी पर सुना तब उन्हें पता लगा की नोटबंदी का निर्णय लिया गया है. जिसके बाद 8 नवम्बर के बाद इस सिक्योरिटी प्रेस को किले में बदल दिया गया है. जिस जगह सिक्योरिटी प्रेस की मशीने लगी हैं वहाँ कोबरा कमांडो का घेरा है जबकि प्रिंटिंग एरिया के बाहर CISF के हथियारबन्द जवान तैनात हैं. इसके अलावा नाईट विज़न कैमरे भी यहाँ चप्पे चप्पे पर स्थापित किये गए हैं. फिलहाल कर्मचारियों का कहना है की दिसम्बर आते आते सालबोनी और बाकी तीन प्रिंटिंग प्रेस एटीएम और बैंक पर लग रही लम्बी लम्बी कतारों की प्रॉब्लम खत्म कर देंगी. आने वाले 15 दिनों में नए नॉटी पर्याप्त संख्या में बैंक को उपलब्ध होंगे.