नई दिल्लीः विवाद के चलते पार्टी के दो टूक होने से साइकिल चुनाव चिह्न जब्त होने की आशंका पर मुलायम सिंह यादव शिवपाल और अमर को साथ लेकर चुनाव आयोग पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अपना पक्ष रखा। कहा कि पार्टी पर उनका हक है। एक जनवरी को हुआ अधिवेशन अवैध है। क्योंकि अधिवेशन उनकी मर्जी के बगैर आयोजित हुआ। पार्टी के संविधान की प्रति पेश करते हुए मुलायम ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की अनुमति से ही अधिवेशन बुलाया जा सकता है।
विवाद पर चुनाव चिह्न हो सकता है जब्त
जानकार कहते हैं कि विवाद के बाद चुनाव आयोग पार्टी पर दोनों पक्षों के दावे के समर्थन में सुबूत और हलफनामा मांगेगा। इसके बाद आयोग उसका परीक्षण करेगा। इसमें कम से कम चार महीने का समय लग सकता है। चूंकि इस बीच चुनाव होना है। ऐसे में मसले के समाधान होने तक आयोग चुनाव चिह्न को मालखाने में जमा कर सकता है। तब तक सपा के दोनों खेमों को अलग-अलग नाम व चिह्न आवंटित कर सकता है। जिसके जरिए समाजवादी पार्टी के दोनों गुट चुनाव मैदान में उतर सकेंगे।
जो बहुमत साबित करेगा, वो चलाएगा 'साइकिल'
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी का कहना है कि चुनाव आयोग के सामने विधायकों, एमएलसी का जो अपने समर्थन में बहुमत पेश करेगा वहीं गुट मूल पार्टी के चुनाव चिह्न साइकिल का हकदार होगा। इसके लिए आयोग दोनों गुटों से विधायकों और विधान परिषद सदस्यों की हस्ताक्षरित सूची भी मांगेगा। दोनों गुटों से अपने-अपने दावे के समर्थन में पार्टी के संविधान के अनुसार हलफनामा व सुबूत भी आयोग मांगेगा। जिसके बाद बहुमत सिद्ध होने पर संबंधित गुट को मूल चुनाव चिह्न आवंटित होगा।