नई दिल्ली : पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि बलूचिस्तान में रहकर पाक की जासूसी के आरोप में गिरफ्तार भारतीय नौसेना के रिटायर्ड कमांडर कुलभूषण जाधव को भारत भेजने का कोई इरादा नहीं हैं. पाक रक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने दावा किया कि गिरफ्तार किए गए जासूस ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. उसने माना कि वो टेररिस्ट एक्टिविटी में इन्वॉल्व था और इस बात का तो सवाल ही नहीं उठता कि उसे खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं.
क्या हैं मामला
आप को बता दें कमांडल कुलभूषण को पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआई ने फंसाया है. कुलभूषण की बलूचिस्तान से गिरफ्तारी नहीं हुई बल्कि आईएसआई ने एक साजिश के तहत ईरान से उन्हें किडनैप कर पाकिस्तान लाया. इसके बाद टॉर्चर कर एक वीडियो बनवाया. जिसमें कुलभूषण से जबरन रॉ एजेंट होने की बात कुबूल कराई गई.
कुलभूषण के साथी सैन्य अफसरों ने बताया सच
इंडिया संवाद ने भारतीय नेवी के रिटायर्ड कमांडर कुलभूषण जाधव के साथ काम कर चुके सैन्यकर्मियों से बातचीत कर पूरी साजिश का खुलासा किया था। कर्नल देवेंद्र सहरावत ने इंडिया संवाद से बातचीत में कहा था कि कुलभूषण जाधव एक इमानदार अफसर रहे हैं। वह सेना से रिटायरमेंट के बाद अपना बिजनेस का कारोबार कर रहे थे जिसके सम्बन्ध में वह ईरान में थे। उनके साथ ट्रेनिंग का हिस्सा रहे ईरानी सेना के अधिकारियों ने भी इस बात को स्पस्ट किया है कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सेना ईरान से अपहरित करके पाकिस्तान ले गई और जबरदस्ती साजिश के तहत उन्हें रॉ का जासूस बता रही है।
पाक सेना ने टॉर्चर कर बनाया फर्जी वीडियो
कर्नल देवेंद्र सहरावत ने उस दौरान इंडिया संवाद से कहा था कि पकिस्तान ने जो विडियो भेजकर दावा किया है कि जाधव ने खुद कबूला है वह रॉ का अधिकारी है दरअसल वह पूरा झूठ है। और उन्हें टॉर्चर करके ये बयान दिलवाया जा रहा है। इस मौके पर सेना के पूर्व रिटायर अफसर के के सिंह, मेजर डीसी राव, कर्नल महाबीर यादव और कर्नल राजेश भारद्वाज मौजूद थे।