दिल्ली : बेंगलुरु के केम्पे गोडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सुरक्षा में तैनात CISF के 200 जवानों ने उत्पीड़न के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कठिन परिस्थितियों में काम करने, खराब खाने और भत्ते न मिलने को लेकर CISF के ये जवान पहले ही पीएम को पत्र लिखकर अपनी परेशानियां बता चुके हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, रिपोर्ट में गृह मंत्रालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया है कि पिछले 3 सालों में 344 अर्धसैनिक बलों के जवानों ने आत्महत्या कर ली. इसी साल जनवरी में केम्पे गोडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर एक जवान ने अपनी ही सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली थी.
आत्महत्या करने वाले जवानों में से 15 पर्सेंट यानी 53 जवान CISF के थे. इसके अलावा 25 मामले ऐसे रहे हैं, जिसमें जवानों ने अपने ही सहकर्मियों की हत्या कर दी या फिर उन पर फायरिंग कर दी. ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों में 13 जवान CISF के ही थे.
केम्पे गोडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर खराब व्यवस्थाओं को लेकर एक CISF कर्मी ने कहा, 'खाने का स्टैंडर्ड बेहद खराब है. हमारी शिफ्ट्स में कोई ब्रेक नहीं होता. हमें घर नहीं मिलता है और ट्रांसपोर्ट अलाउंस भी नहीं मिलता है. सीनियर्स द्वारा दुर्व्यवहार होता है और मनमाने ढंग से सैलरी भी काट ली जाती है.