नई दिल्लीः लोकनायक जय प्रकाश नारायण की संस्था को भी दबंगों ने नहीं बख्शा। बनारस में उनकी संस्था गांधी विद्या संस्थान के भवन पर अवैध कब्जा हो गया है। शिकायत के मुताबिक कब्जा करने वाले वे लोग हैं, जिन्हें न जेपी की विचारधारा से मतलब है न गांधी की। वे भवन व संस्था का इस्तेमाल निजी हित में कर रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से संस्था को कब्जा मुक्त कराने का अनुरोध किया है। उधर संस्था को बचाने के लिए प्रमुख गांधीवादी और जेपी क्रांति से जुड़े लोग लखनऊ के हजरतगंज में 27 अगस्त को शांति प्रदर्शन करने का एलान किए हैं।
50 साल पहले बनी थी यह संस्था
बीबीसी के पूर्व पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी के मुताबिक 50 साल पहले संस्था महात्मा गांधी के कार्यों व विचारों पर शोध के लिए बनाई गई थी। मगर, गांधी विरोधी तत्वों ने अफसरों से सांठगांठ कर अवैध कब्जा कर यहां गलत कार्य कर रहे हैं। जिससे संस्था अपने उद्येश्यों में सफल नहीं हो रही। इससे जेपी की क्रांति से जुड़े व गांधीवादी विचारधारा के लोग आहत हैं।
बता दें कि 1970 में देश में भ्रष्टाचार व इंदिरा गांधी की तानाशाही के खिलाफ संपूर्ण क्रांति करने वाले जयप्रकाश नारायण को भारत सरकार भारत रत्न भी दे चुकी हैं। उनकी लोकनायक के रूप में ख्याति है।
जेपी की प्रतिमा का अपमान
संस्था के भवन पर कब्जा करने वाले अराजक तत्व लोकनायक जेपी की प्रतिमा का भी अनादर करने से बाज नहीं आए। उन्होंने प्रतिमा का अपमानजनक ढंग से पुस्तकालय से निकालकर खुले में रखवा दिया है। यानी जिस शख्शियत के नाम पर संस्था की बुनियाद खडी़ हुई, उसी का अनादर खुलेआम संस्था के अवैध कब्जेदार कर रहे।
सीएम के आदेश को दबाए बैठा उच्च शिक्षा विभाग
गांधीवादी विचारों पर शोध के लिए बनाई गई जयप्रकाश नारायण की संस्था पर अवैध कब्जे की शिकायत तीन साल पहले कमिश्नर वाराणसी को मिली। तब उन्होंने जांच कराकर उच्च शिक्षा विभाग को संचालन समिति बनाने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी संस्था की देखरेख का निर्देश दिया। मगर, उच्च शिक्षा विभाग के अफसर फाइल दबाकर बैठ गए।
फोटो-लोकनायक जेपी की बनारस स्थित संस्था को अवैध कब्जा मुक्त कराने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र