नई दिल्लीःपंजाब में विधानसभा चुनाव को लेकर इलेक्शन कमीशन ने तैयारी शुरू कर दी है। चुनाव आयोग के सूत्रों का कहना है कि यहां जनवरी में चुनाव कराने पर विचार किया जा रहा है। जनवरी की तिथि तय होने पर नवंबर तक आदर्श आचार संहिता भी लागू हो जाएगी। चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर वीके सिंह ने कहा है कि चुनाव दस दिन आगे-पीछे हो सकता है, मगर जनवरी के आसपास ही होगा। चंडीगढ़ में चुनाव आयोग के अफसरों ने मीटिंग के बाद जनवरी में चुनाव के लिए सभी को तैयार रहने के निर्देश दिए। मतदाता सूची की खामियों को अपडेट कर दुरुस्त करने को कहा गया है।
क्यों जनवरी में चुनाव कराना चाह रहा आयोग
दरअसल मार्च और अप्रैल में बच्चों की परीक्षाएं होती हैं। हर अभिभावक बच्चों की तैयारी कराने में जुटा होता है। परीक्षा की निगरानी के लिए भी मजिस्ट्रेट सहित तमाम स्टाफ की जरूरत पड़ती है। दूसरी तरफ नौकरीपेशा अभिभावक बच्चों की तैयारी को लेकर परेशान रहते हैं। चुनाव के साथ परीक्षा का संचालन करना शासन-प्रशासन के लिए टेढ़ी-खीर होती है। इसे देखते हुए सीबीएसई ने पहले ही इलेक्शन कमीशन को पत्र भेजकर चुनाव न कराने की अपील की है। इस वजह से चुनाव आयोग ने जनवरी में पंजाब चुनाव का खाका तैयार करना शुरू किया है।
पंजाब में गठबंधन बनाम दो दल की लड़ाई
पंजाब में भाजपा के साथ अकाली दल गठबंधन की सरकार चल रही है। कांग्रेस दूसरे नंबर की पार्टी है। वहीं 2014 के चुनाव में आम आदमी पार्टी मजबूती से ऊभरी। ऐसे में भाजपा-अकाली दल गठबधन, आप और कांग्रेस के बीच लड़ाई है।
तो यूपी का चुनाव भी इर्द-गिर्द होगा
अगर पंजाब चुनाव जनवरी में हुआ तो यूपी का चुनाव भी इसी महीने के आसपास हो सकता है। क्योंकि चुनाव आयोग पंजाब, गोवा, यूपी के चुनाव आसपास की तिथियों में कराने की तैयारी में है। इन राज्यों के चुनाव की डुगडुगी एक साथ पिटेगी। हालांकि चुनाव अलग-अलग तिथियों में होंगे।