नई दिल्ली: कश्मीर में पत्थरबाजों से घिरे सेना के जवानों को बचाने के लिए जीप पर एक शख्स को बांधने वाले मेजर नितिन गोगोई को सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने सम्मानित किया है. मुश्किल वक़्त में लीक से हटकर सोचने के लिए मेजर नितिन गोगोई को सेना प्रमुख ने सम्मानित किया है. सेना अध्यक्षल ने उन्हें उनकी विशिष्ट सेवा के लिए प्रशस्ति पत्र दिया है. इससे पहले इस घटना के खिलाफ जनाक्रोश को देखते हुए सेना ने इस मेजर के खिलाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी बैठाई थी लेकिन इस जांच में मेजर गोगोई को क्लीन चिट मिल गई थी.
दरअसल, युवक को जीप के आगे बांधकर घुमाने के मामले में कश्मीर पुलिस ने भारतीय सेना की एक यूनिट के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. खबरों के मुताबिक सरकार का मानना है कि सेना के अफसर ने मुश्किल हालात में सुरक्षा के मद्देनजर यह फ़ैसला लिया था. कश्मीरी युवक फारूक अहमद को जीप के आगे बांधने की यह पूरी घटना 9 अप्रैल की है. इस घटना का वीडियो क्लिप उमर अमदुल्ला ने ट्वीट कर जांच की मांग की थी. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था और इसके खिलाफ भारतीय सेना की काफी आलोचना भी हुई थी. हालांकि कुछ लोगों ने सेना की इस कार्रवाई का समर्थन भी किया था. इसका वीडियो वायरल होने के दो दिन बाद बीरवाह पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था.
क्या है मामला जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट के जरिए उस वीडियो को शेयर किया था, जिसमें भारतीय सेना के जवान एक कश्मीरी युवक को जीप के आगे बांधकर घुमा रहे थे. ये पूरा वाकया 9 अप्रैल का है. इस पूरे मामले में 15 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा 53 राष्ट्रीय राइफल के मेजर नितिन गोगोई के खिलाफ FIR दर्ज करने के दो दिन बाद कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी बैठाई थी. जांच के बाद मेजर के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई ना करने की अनुशंसा की गई. यहां तक कि वरिष्ठ अधिकारियों ने मेजर के इस फैसले की सराहना की थी क्योंकि इसे पत्थरबाजी से निपटने का बेहतर तरीका माना गया. सैन्य प्रशस्ति पत्र शौर्य या विशिष्ट सेवा के व्यक्तिगत कृत्यों या ड्यूटी के प्रति समर्पण के लिए दिया जाता है. तीनों सेनाओं के प्रमुखों की ओर से ये बैज प्रदान किए जाते हैं.
मेजर की अगुआई वाली 5 गाड़ियों में जवान, 12 चुनाव अधिकारी, 9 आईटीबीपी के जवान और दो पुलिसवाले थे. गोगोई एसीसी बैकग्राउंड से है. आर्मी कैडेट कॉलेज विंग थलसेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों को भारतीय सेना में अधिकारियों के रूप प्रशिक्षित करता है. यह अफसर कई रैंक पर रह चुका है और उसे सेना में एक दशक का अनुभव है.