कौशांबी-: मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ तो खुद में बेमिसाल हैं। एक माह की अपनी सरकार में उन्होंने लोकहित में जिस तेजी से अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं की है, ग्रामीण अभिभूत हैं। अपने कहे के अनुसार मुख्य मंत्री ने अब प्रदेश का भी दौरा शुरू कर दिया है। उनकी पहली यात्रा प्रदेश के अब तक सबसे ज्यादा उपेक्षित रहे बुदेलखंड क्षेत्र में झांसी जिले की हुई है। यहां उन्होंने लोगों से रूबरू होकर उनकी व्यथाकथा जानने की कोशिश की है। इसे देख सुनकर लगा कि कम समय में बहुत कुछ कर दिखाने के लिये एक सन्यासी के सीने में किस तरह आग धधक रही है। इसके बावजूद, प्रदेश का प्रशासनिक तंत्र अभी भी पहले के ही रंग में रंगा हुआ है। इसीलिये प्रदेश के अधिकांश जिलों में तैनात अफसर योगीराज में भी अराजकों जैसा ही आचरण कर रहे हैं। हर तरफ लूटखसोट और काली कमाई का धंधा पहले ही जैसा ही बेंखौफ और बेधडक चल रहा है।
सुधार तो कम-भ्रष्टाचार कहीं अधिक
यह मानना है मुख्य मंत्री योगी के बारे में प्रदेश के सुदूर ग्रामीण अंचलों में बसे लोगो का। उनका कहना है कि बिजली और पानी की समस्या तो जैसे छूमंतर होती जा रही है। गांवों में साफसफाई के काम में भी सुधार दिख रहा है। बस, इससे ज्यादा नहीं। दरअसल, अखिलेश सरकार के समय से ही तैनात जिले का प्रशासनिक तंत्र का ढर्रा आज भी पहले जैसा ही है। वह मुख्य मंत्री योगी के फैसलों पर अमल न कर ग्रामीणों कों गलत संदेश देने पर उतारू है।
हर तरफ मुख्य मंत्री योगी की सराहना
उत्तर प्रदेश के सुदूर ग्रामीण अंचलों में लोग एक महीने की योगी सरकार और खुद मुख्य मंत्री के बारे में क्या सोचते हैं, यह उसकी एक बानगी है। इसके लिये प्रदेश के कौशांबी जिले के ग्रामीण अंचलों में बसे लोगों से बात कर उनके मन की थाह लेने की कोशिश की गयी है। सबने एक स्वर से मुख्य मंत्री योगी के काम को सराहा है। कट्टर बसपाइयों और सपाइयों तक ने भी इसे स्वीकार किया है। इसके ठीक विपरीत जगह जगह लोगों ने जिले के निकम्मे पुलिस और प्रशासनिक तंत्र की कटु भत्र्सना की है। इनकी माने, तो इस सरकार में प्रशासनिक अधिकारी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं। अराजकतत्वों के हौसले आज भी बुलंद हैं।
आज भी खाकी वर्दी वही भयानक चेहरा
इस संबंध में सिराथू तहसील के तहत ग्राम सिंधिया के युवा प्रधान संतोष तिवारी ने दो एकदम ताजातरीन मिसालें पेश की है। इसी 18 अपै्ल को आततायी पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बरामदे से दिनदहाडे अपहरण कर लिया। थाना पुलिस के दुत्कार दिये जाने के बाद ग्राम जुवराजपुर की बलात्कार पीडित युवती ने युवती पुलिस अधीक्षक से शिकायत करने की गरज से उनके कार्यालय पहुँची थी। वहीं पर आतताइयों ने पुलिस कार्यालय के बरामदे से ही उसका दिनदहाडे अपहरण कर लिया। वह चीखती चिल्लाती रह गयी। लेकिन, वह मौजूद पुलिसकर्मी मूकदर्शक ही बने रहे। पहचान में आ गये बलात्कारियों की अभी तक गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है। वे बेखौफ होकर घूम रहे हैं।
दूसरी घटना इसी 19 अपै्ल की है। इसमें पुलिस चैकी सिंधिया में तैनात फालोवर बुरी नीय त से चैकी के ठीक सामने स्थित एक घर में बुरी नीसत से घुस गया। यहां गृहस्वामिनी के साथ गलत काम करने की कोशिश में नाकाम हो जाने से उसने उस महिला और उसकी बेटी की भी जमकर धुनाई कर दी। उनके शोर मचाने पर उस समय चैकी में तैनात सिपाहियों ने फालोवर को रोकने की बजाय उसकी हौसला आफजाई ही करते रहे। इससे क्षुब्ध ग्रामीणों ने जब सीधे पुलिस अधीक्षक को इसकी जानकारी दी, तो उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए चैकी के चार सिपाहियों को निलंबित कर फालोवर के खिलाफ मुकदता दर्ज करने का आदेश दिया।
जिले के प्रशासनिक तंत्र को कोस रहे हैं लोग
योगी सरकार के बारे में ग्रामीणों की आमराय जानने के लिये इस संवाददाता ने कौशांबी जिले का दौरा कर व्यापक जनसंपर्क करने की कोशिश की, तो लोगों ने मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ के लोकहित में किये जा रहे प्रयासों की मुक्तकंठ से सराहना की। बसपा और सपा के कट्टर समर्थकों ने भी उनके विरोध में कुछ भी नहीं कहा। लेकिन, जिले के पुलिस और प्रशासनिक तंत्र को लोगों ने जमकर कोसा।
कोटेदारों की चांदी-गरीबों की बर्बादी
ग्र्राम प्रधान (सिंधिया) संतोष तिवारी का कहना है कि इस जिले में लगभग चार सौ कोटेदार है। इनमें से हर कोटेदार को महीने में पांच हजार से लेकर दस हजार रु तक का चढावा चढाना पडता है। नतीजतन, गरीबी की रेखा से नीचे जीने वाले लोगों को राशन न देकर उसे बेच लिया जाता है। पिछले साल तीन अप्रैल से लेकर कुछ समय पहले तक उन्होंने अखिलेश सरकार के पास दो दर्जन से भी अधिक रजिस्टर्ड शिकायती पत्र भेजे हैं। लेकिन, सभी बेअसर रह हैं। इसी 18 अप्रैल को उन्होंने योगी सरकार के प्रमुख सचिव खाद्यान्न एवं आपूर्ति विभाग के पास भी रजिस्टर्ड शिकायती पत्र भेजा है। इस बार हमे इंसाफ मिलने की उम्मीद है।
योगी को ग्रामीण समझते हैं दूसरा मोदी
ग्राम रसूलपुरगिरसा के युवा अधिवक्ता प्रशांत तिवारी का कहना रहा है कि मुख्य मंत्री स्वयं तो बेमिसाल हैं। प्रदेश का आम आदमी उन्हें दूसरा नरेंद्र मोदी ही समझता है। सिर्फ एक महीने में लोकहित में लगभग सौ महत्वपूर्ण फैसले लेकर एक नई मिसाल कायम की है। तीन तलाक के विरोध के अलावा हर साल सौ गरीब मुस्लिम कन्याओं का सरकारी खर्चे पर विवाह कराने की घोषणा कर उन्होंने सबका विकास और सबका साथ देने के संकल्प को मूर्तरूप देने कोशिश कीा है। ऐसे ही और बहुत सारे सराहनीय कामों के जरिये उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द की दिशा में एक अभूतपूर्व कदम उठाया है।
काली कमाई के ये हथकंडे
लेकिन, इनका भी आरोप है कि हाल ही में जनपद के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में बनाये गये एम.डी.एम.शेड (मिडडे मील के लिये बनवाये गये कमरें) के लिये हर ग्राम प्रधान से बीस हजार रु की वसूली की गयी है। अधिकांश सरकारी स्कूलों की प्रधानाध्यिापिकाएं मिड डे मील के लिये मिलने वाला राशन अपने घर ले जाती हैं। इसी तरह बालू का अवैध खनन कराने के लिये जिला प्रशासन को हर माह लगभग 70 लाख रु की भेंट चढती रही है। जिला के सरकारी अस्पतालों में दवाओं का इतना टोटा है कि रूई की पटृटी तक मरीजों के तीमारदारों को बाहर से खरीदनी पड रही है। कुत्ता काटने पर दी जाने वाली दवा रैबीज तक नहीं है। आरोप यह भी है कि जिला मुख्यालय के सरकारी अस्पताल तैनात एक डाक्टर ने मंझनपुर बाजार में ही अपना नर्सिंग होम भी खोल रखा है। इसे उसकी पत्नी चलाती है। इसीलिये अस्पताल में इलाज के लिये आने वाले अधिकांश मरीजों को इसी नर्सिग होम में भेज दिया जाता है।
गरीबों के सरकारी आवासों पर दबंगों का कब्जा
जनपद मुख्यालय के निकटवर्ती ग्राम कोर्रो के ग्राम प्रधान कुलदीप मिश्र का आरोप है कि गरीबी की रेखा के नीचे रहने वाले लोगों के लिये बनवाये गये सरकारी आवासों में से अधिकांश पैसे और पहुंच वाले लोगों के नाम आवंटित कर दिये गये हैं। नहरें पिछले कई वर्षों से सूखी पडी हैं। अधिकांश हैंडपंप खराब पडे हैं। बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारी विभिन्न फैक्टरियों, कोल्डस्टोरजों आदि को अवैध ढंग बिजली की आपूर्ति कर रहे हैं।
करोडों के घोटाले को दबाने का प्रयास
ग्राम रसूलपुर गिरसा के निवासी युवा अधिवक्ता का गंभीर आरोप है कि जिलाधिकारी और सी.एम.ओं. की मिलीभगत से बिना गजट कराये सरकारी अस्पताल में लगभग चालीस वार्डब्यायों की भर्ती के लिये वैंकेसी निकाल कर मनमानी लूट की गयी है। एक टाउन एरिया के चेयरमैन ने करोडों रु का घोटाला किया है। इस मामले को दबाने के लिये कौशांबी के एक शीर्ष अधिकारी को एक नयी बोलैरो गाडी दी गयी है।
तानाशाह जिलाधिकारी की अकूत संपदा की जांच जरूरी
भरवारी निवासी युवा अधिवक्ता प्रदीप मिश्र भी मुख्य मंत्री योगी के कामों की तो मुक्त कंठ से सराहना करते हैं। लेकिन इसी के साथ इनका आरोप है कि कौशांबी के जिलाधिकारी अखंड प्र्रताप सिंह ने जैसे मुख्य मंत्री के फैसलों को न मानने की कसम खा ली है। यहां का जिलाधिकारी बनने के बाद इन्हें अकूत संपदा का मालिक बताया जाता है। अपनी अत्यधिक व्यस्तता के बावजूद, मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही सप्ताह में दो दिन जनता दरबार लगाकर लोगों की फरियाद सुनकर उनकी समस्याओं के यथाशीघ्र निस्तारण का आदेश देते हों। लेकिन, इनका हाल यह है कि इनके पास पीडितों की फरियाद सुनने का वक्त ही नहीं है। यदि कोई फरियादी उनके पास जाकर अपनी बात कहने के लिये उतारू ही हो जाय, तो उसे कडी फटकार लगाने के बाद कहा जाता है कि तुम नेता हो। इसके बाद उसके मोबाइल को जब्त करने का आदेश देने के साथ ही उसे उनके कक्ष से बाहर करने का हुक्म जारी कर दिया जाता है।