नई दिल्ली : यूपी में जिस भ्रष्ट खनन मंत्री को सीएम अखिलेश यादव ने बर्खास्त किया था उसी गायत्री प्रजापति के समर्थन में अपनी पहली चुनावी सभा सुल्तानपुर में करने सपा मुखिया अखिलेश यादव पहुंच गए. विदित हो कि यह वही गायत्री प्रजापति हैं, जिन्होनें अखिलेश सरकार में रहकर खनन माफियाओं को खुला संरक्षण देकर करोड़ों रुपये की हेराफेरी की. इसको लेकर अदालत ने भी उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे. यहां तक कि सीबीआई ने भी उन पर अपना फंदा कसा था.
अखिलेश ने प्रजापति की सभा कर जनता से खाया झटका
जिसके चलते सीएम अखिलेश यादव ने अपनी सरकार की बदनामी होते देख उन्हें अपने मंत्रीमण्डल से बर्खास्त करने में रत्तीभर भी देरी नहीं की थी, लेकिन अब उसी मंत्री के समर्थन में सभा कर अखिलेश ने यह बात साफ कर दी है कि वह सिर्फ उनका एक ड्रामा अपनी सरकार की छवि जनता के सामने साफ सुथरी करने के लिए भर ही था. दरअसल जिस गायत्री प्रजापति को लेकर सूबे की सरकार में भूचाल आ गया था आज वही मंत्री जब फिर से सुलतानपुर सदर सीट चुनाव लड़ रहा है तो उसको समर्थन दिलाने के लिए अपने चुनाव की सबसे पहली जनसभा की शुरुआत अखिलेश ने उनकी जनसभा से की.
क्या अखिलेश ने जनता को दिखने के लिए किया था ड्रामा ?
जबकि गायत्री प्रजापति को लेकर ही सूबे के मुख्य सचिव दीपक सिंघल को पल भर के भीतर अखिलेश ने कुर्सी से हटा दिया था और इस बात को लेकर बाप मुलायम सिंह से बेटे अखिलेश की जंग शुरू हो गयी थी आज वही प्रजापति अखिलेश के इतने करीबी कैसे हो गए. फिलहाल मंगलवार को सुल्तानपुर जिले में हुई अखिलेश की जनसभा को लेकर वैसे तो कई सवाल खड़े होते हैं, लेकिन इन सवालों में सबसे अहम् सवाल ये है कि क्या अखिलेश ने उत्तर प्रदेश की जनता के सामने अपनी पार्टी की सरकार की छवि साफ सुथरी तस्वीर पेश करने के लिए ऐसा किया था ? फिलहाल मंगलवार को अमेठी में हुई जनसभा को देखकर तो यही लगता है.