नई दिल्ली : विजय माल्या पर चल रही भारतीय एजंसियों की जाँच के बाद नीदरलैंड की कंपनी हेनकेन बड़ी मुश्किल में फंस गई। विजय माल्या की यूनाइटेड ब्रेवरीज और हेनकेन का एक संयुक्त वेंचर है। इस वेंचर में 42.2 प्रतिशत की हिस्सेदारी हेनकेन है।
वेंचर में हेनकेन की अधिक हिस्सेदारी होने बावजूद भी वह माल्या को इसके चैयरमेन पद से हटा नहीं पा रही है। विजय माल्या पर चल रही भारतीय एजेंसियों की जाँच के बाद इस वेंचर की साख लगातार गिरती जा रही है। नीदरलैंड की कंपनी माल्या को चैयरमेन पद से हटाना चाहती है लेकिन हेनकेन और यूनाइटेड बेवरीज के बीच हुए एग्रीमेंट के मुताबिक माल्या इस वेंचर के आजीवन चैयरमेन हैं।
माल्या को तब तक इस पद से कोई नही हटा सकता जब तक वह खुद इस पद से न हटना चाहें। एग्रीमेंट के मुताबिक माल्या के पास अपना उत्तराधकारी चुनने का पूरा अधिकार है। इकॉनोमिक टाइम्स के अनुसार बोर्ड ने कंपनी की लगातार गिरती साख के कारण माल्या से इस्तीफ़ा देने का अनुरोध किया था लेकिन माल्या ने कहा कि वह तब तक इस्तेफ़ा नही देंगे जब तक अदालत उन्हें दोषी नही ठहरा देती।