नई दिल्लीः सीमा पर तल्खी के बीच देश की रक्षा के लिए राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अनूठा अनुष्ठान करने की तैयारी की है। भारत-पाक सीमा पर स्थित श्री मातेश्वरी तनोट माता मंदिर में राष्ट्र रक्षा यज्ञ करवाने जा रहीं। यह यज्ञ खास इसलिए भी है कि पहली बार कोई सरकारी यज्ञ होने जा रहा। मकसद है देश की सुरक्षा में लगे जवानों और सरहद की हिफाजत। यह यज्ञ 21देशभक्त ब्राह्मण विधि-विधान से कराएंगे। यज्ञ आयोजन का जिम्मा राजस्थान संस्कृत एकेडमी को दिया गया है। खुद मुख्यमंत्री वसुंधरा यज्ञ मे शामिल होंगी। अकादमी का कहना है कि पुराने समय में जब क्षत्रिय राजा युद्ध करते थे तब राज्य के ब्राह्मण रक्षा के लिए यज्ञ करते थे। सीमा पर संकट के चलते इसी सनातन परंपरा को निभाया जा रह।
गोले गिराने पर भी पाक नहीं तबाह कर पाया यह मंदिर
भारत-पाकिस्तान सीमा पर जैसलमेर में स्थित यह मंदिर काफी लोकप्रिय है। फिल्म बॉर्डर में दिखाए जाने के बाद से इस मंदिर को जानने के बारे में लोगों की उत्सुकता इस कदर बढ़ी कि यह टूरिस्ट प्लेस हो गया। मंदिर की सबसे खास बात है कि जब 1965 में पाकिस्तान से जंग हुई थी तो पाकसेना ने करीबन तीन हजार गोले मंदिर व आसपास गिराकर इस मंदिर को बर्बाद करने की कोशिश की मगर मंदिर पर खरोंच तक नहीं हुई। उस समय के पाक सेना की ओर से फेंके गए बम-गोले इस मंदिर में रखे गए हैं। अब बीएसएफ के हवाले इस मंदिर की सुरक्षा है।
फोटो-1965 की लड़ाई में मंदिर पर गिराए गए बम को रखा गया है सहेज कर।
राजस्थान से पाक की लगी है 1040 किमी सीमा
राजस्थान राज्य की करीब 1040 किमी सीमा पाकिस्तान से लगी है। सरहद की सुरक्षा में तैनात जवानों की रक्षा के लिए कुल पांच सौ ज्याद वेद शिक्षा हासिल करने वाले विद्यार्थी मंत्रोच्चार में हिस्सा लेंगे। सेना की ओर से जारी अधिकृत बयान में भी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के यज्ञ के बारे में जानकारी दी गई है। कहा गया है मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मौजूदगी में होने वाला यह यज्ञ सीमा के नजदीक रहने वाले लोगों की भी सुरक्षा करेगा। राजस्थान संस्कृत एकेडमी के के डायरेक्टर राजेंद्र तिवारी के मुताबिक आयोजन में मुख्यमंत्री के साथ केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के भी भाग लेने की संभावना है।
राष्ट्रभक्त ब्राह्मण का तमगा कैसे
राष्ट्रभक्त ब्राह्मण का तमगा किसी को कैसे मिलता है, इन्हीं से यज्ञ क्यों कराया जा रहा है, इस सवाल पर राजस्थान संस्कृत एकेडमी की अध्यक्ष जया दवे ने कहा कि अकादमी के साथ जो ब्राह्मण हमेशा से जुड़े रहे हैं, वे कई धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के जरिए देश और समाज का भला करने में जुटे हैं। इस नाते उन्हें ही राष्ट्र रक्षा यज्ञ के लिए चुना गया है।