दिल्ली : प्रधानमंत्री मोदी की ऐतिहासिक सर्जिकल स्ट्राईक से जहां पूरे देश के काले बाजारों से हड़कम्प है वही धन कुबेरों ने इससे बचने का नया रास्ता निकाल लिया है और इन रास्तों के जरिंये तमाम धन्ना सेठ 500 व 1000 के नोट को ब्लैक से व्हाइट कर रहे है. इंडिया संवाद ने देश के नामी चार्टर्ड अकाउंटेंटो से बात की तो पता चला इन 5 फॉमूलों के जरिये देश मे काले धन को ब्लैक से व्हाइट किया जा रहा है.
1. जन-धन खातों के जरिये किसानों के माध्यम से गांव के प्रधान को बिचोंलिया बनाकर काले धन को ब्लैक से व्हाइट किया जा रहा है. देश में जन-धन योजना के तहत 25.45 करोड़ खाते हैं, जिनमें 23.37 करोड़ ज़ीरो बैलेंस खाते हैं मतलब अबतक केवल दो करोड़ बैंक खातों में लेन-देन हुआ है. सूत्रों की माने तो तमाम धनकुबेर वे नेता 25% से 40% तक का कमीशन देकर गांव के प्रधान को बिचोलिया बनाकर अपनी ब्लैक मनी को व्हाइट कर रहे है.
2. तो कुछ धन्नासेठ अपने यहां सालों से काम कर रहे कर्मचारियों को 1 साल की सैलरी का भुगतान 500 व 1000 के नोटो के जरियें अग्रिम भुगतान यानी एडवांस सैलरी देकर अपने पास रखे काला धन को ठिकाने लगा रहे है.
3. ऊर्जा मंत्री पियूष गोयल ने मंगवार को एक ट्वीट कर कहा कि पावर कंपनियां 11 नवम्बर की मध्यरात्रि तक 500 और 1000 के पुराने नोट को स्वीकार करेंगी. अब ऐसे मे कई धन्ना सेठ व व्यापार ी सालो के बकाया बिजली के बिल का भुगतान 500 व 1000 के नोटो के जरिये कर रहे है. जिससे काले धन को ठिकाने लगाया जा सके.
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की ही बात करें तो वहां तकरीबन 121 ऐसे पावर उपभोक्ता हैं जिसके एक करोड़ से ज्यादा के बिजली बिल पेंडिंग हैं. आंकड़ों के अनुसार ऐसे पेंडिंग बिल का अमाउंट तकरीबन 1007.01 है. इनमे सब ऊपर ग्रेटर नॉएडा की एनपीसीएल कंपनी है जिस पर तकरीबन 276.72 करोड़ का बिल है.
4. फरीदाबाद नगर निगम ने भी 500 और 1000 रुपये के नोट बंद होने के बाद लोगों को बकाया भुगतान के लिए अपने काउण्टर खोले है. निगम ने कहा जिन लोगों का हाउस टैक्स, कॉमर्शियल हाउस टैक्स और वाटर टैक्स बकाया चल रहा है, वे 11 नवंबर तक 500 और 1000 रुपये के नोट जमा करने के साथ ही अपने बकाए टैक्स का भुगतान कर सकते हैं. इस ऐलान के बाद फरीदाबाद क्षेत्र की तमाम कम्पनीयों ने अपने पास रखे 500 व 1000 के नोटो के जरिये नगर निगम का भुगतान करना शुरू कर दिया है.
5. 1000 और 500 के नोट बंद होने के बाद लोग बड़ी संख्या में ब्लैक मनी को खपाने के लिए सोना, हीरा या प्लैटिनम जैसी महंगी वस्तु को खरीद रहे हैं. नोटबंदी की घोषणा के दूसरे दिन ही दिल्ली समेत देश के तमाम बड़े शहरों में सोने का भाव 40 हजार से 50 हजार प्रति दस ग्राम तक चल रहा है. गोल्ड के व्यापारी भी रिटेल मे सोने को बेचने के बजाय इस धन्ना सेठों को ऊचे भाव पर खपा रहे है.
लेकिन आप को बता दे 2.5 लाख रुपए से अधिक की कैश खरीददारी आयकर विभाग की नजरों से बच नहीं पाएगी. आपको इस पर 30 फीसदी अनिवार्य टैक्स तो देना ही होगा, और इस पर 200 फीसदी पेनल्टी लगेगी.