"कमलेश्वर के उपन्यासों में काली आँधी का अपना विशिष्ट स्थान है। इंदिरा गाँधी के प्रधानमंत्रित्व काल में इसकी रचना हुई और इसका मुख्य चरित्र उन्हीं का प्रतिनिधित्व करता है। उन्हीं के समान दबंग, उन्हीं के समान दुनिया को प्रभावित करने वाला और मानो आँधी की तरह समाज और राजनीति को हिलाकर रख देनेवाला चरित्र। 1975 में ‘आँधी’ नाम से ही इस पर फ़िल्म भी बनी जो बहुत लोकप्रिय हुई। आँधी की मालती - फ़िल्म में जिसका अभिनय सुचित्रा सेन ने किया - हिन्दी उपन्यास की अपूर्व नायिका है जिसके इर्द-गिर्द लेखक ने एक वास्तविक, साथ ही रहस्यपूर्ण दुनिया की सृष्टि की है। उपन्यास उस समय की राजनीति में अवसरवादिता के बढ़ने तथा गरीबी और भूख मिटाने की खोखली मुहिम चलाने का प्रभावी चित्रण प्रस्तुत करता है। उपन्यास में यह भी दर्शाया गया है कि किस तरह चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे किये जाते हैं, परन्तु किया कुछ भी नहीं जाता, उलटा जनहित में लगाया जाने वाला पैसा भी डकार लिया जाता है। आज भी स्थिति जस-की-तस है इसलिए इस उपन्यास की प्रासंगिकता बरकरार है।"
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