नई दिल्ली: हाल ही में कश्मीर में हुई हिंसा के दौरान चर्चा में आए पैलेट गन को लेकर सीआरपीएफ ने कहा है कि अगर पिछले दिनों हिंसा के दौरान पैलेट गन का इस्तेमाल नहीं किया गया होता तो हिंसक हो चुके प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलानी पड़ती. सीआरपीएफ ने यह जानकारी जम्मू और कश्मीर हाइकोर्ट को दी है
चलानी पड़ सकती है गोलियां
हाइकोर्ट में पैलेट गन पर रोक संबंधी जनहित याचिका के जवाब में सीआरपीएफ ने कहा है कि जिस तरह के विरोध प्रदर्शन हुए उनमें स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स के हिसाब से चलना मुश्किल था. उसका यह भी कहना है कि अगर पैलेट गन का विकल्प खत्म किया गया तो हालात बहुत खराब होने पर उसके पास गोली चलाने के अलावा कोई रास्ता नहीं रहेगा जिससे और जानें जाएंगी.
14 तरह के गैर-जानलेवा हथियार होता है इस्तेमाल
सीआरपीएफ ने कहा कि ऐसा नहीं है कि भीड़ पर डायरेक्ट पैलेट गन का इस्तेमाल हो रहा है. सीआरपीएफ 14 अन्य तरह की गैर-जानलेवा हथियार का इस्तेमाल किया जाता है. इनमें ओलियोरेसिन ग्रेनेड्स, पेपर बॉल्स, स्टन ग्रेनेड्स और इलेक्ट्रिक शेल्स शामिल हैं