नई दिल्ली : आज देश का मूड देखिये, घर-घर, चौराहे-चौराहे... एक अदद गोल्ड की चाह में देश पूरा दिन सारी शाम पसीजता जा रहा था...बेटी सिंधु ने यूं तो कमाल किया पर नही मिला हमे वो मैडल जिसकी दरकार देश को थी ...मोदी जी , सिर्फ एक गोल्ड के लिए तरसती सवा अरब जनसँख्या की आस बहुत कुछ कहती है.
मोदी जी , कोई मतलब नही लाल किले के भाषण का , कोई मतलब नही राजपथ पर परेड का जब संसार के सबसे बड़े मंच पर हमारी शक्ति ना दिखे...
वक़्त आ गया है बुलाइये अपनी कैबिनेट और लीजिये कोई बड़ा फैसला ....कम से कम अपने अधीन सेंट्रल स्कूल में कक्षा पांच से खेल अनिवार्य कर दीजिये ....खेल और शिक्षा देश के संविधान में 'स्टेट सब्जेक्ट' है और शायद गैर बीजेपी सरकारें आपके फैसले को जानबूझकर लागू ना करें ....तो बीजेपी के पास कई बड़े राज्य हैं ...सभी राज्यों में कक्षा 5 से लेकर 10 तक खेल अनिवार्य कर दीजिये....चीन , अमेरिका, ब्रिटैन, जर्मनी की तरह ओलिंपिक खेलों को बच्चों की दिनचर्या में ले आएं.... स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल करें.
देखिएगा आने वाले कुछ ही बरसों में कैसा चमत्कार होता देश में है..कैसा अनुशासन दिखता है...कैसे बढ़ता है हौंसला और कैसे सेहतमंद होती है आने वाली पीढ़ी ...देखियेगा देश दलित-सवर्ण-पिछड़ा-अगड़ा-माओ-कश्मीर-सम्प्रदाए-धर्म-जात-पांत की ज्वलंत बाधाओं से कैसे आगे निकल जाता है...देखियेगा इतिहास आपको फिर कहाँ खड़ा करेगा. आपकी सरकार बहुमत में है ..आप फैसला लीजिये....मै आदंमी छोटा हूँ लेकिन मेरी भावना में करोड़ों भावनाए सम्मिलित है ..आप मन बनाइये ...
मेरी बात फिर भी अच्छी ना लगे तो रियो की अंक तालिका उठाकर देख लीजियेगा ...
भारत को छोड़ दुनिया के हर ताकतवर देश आपको पहली दस पायदान में मिलेंगे ...ओलिंपिक एक सकारात्मक आंदोलन है, ओलिंपिक राष्ट्रीय गर्व का सबसे बड़ा मंच है. ओलिंपिक के खेल किसी भी देश को एक सूत्र में बाँधने का अमर मन्त्र है ..
मोदी जी माहौल बना हुआ है देश में, बस आपको मन बनाना है, फैसला लेना है.