नई दिल्ली : NRHM घोटाले में सीबीआई के चंगुल में फंसे बसपा सुप्रीमो मायावती के भाई आंनद कुमार से लेकर सांसद सतीश चंद्र मिश्र तक के फोन की घंटियां पिछले कई दिनों से टनटना रहीं थीं. जांच में फंसे दोषियों को बाहर निकाले जाने के नाम पर करोड़ों रुपये से बात शुरू की जा रही थी. नाम भी सीबीआई के डायरेक्टर अनिल सिन्हा का आ रहा था.
नसीमुद्दीन के फोन की घंटी भी बजी
इतना ही नहीं बसपा के बड़े नेता नसीमुद्दीन सिद्दकी के पास जब सीबीआई के डायरेक्टर अनिल सिन्हा के नाम के फोन की घंटी टनटनाई तो उनको शक हुआ और उन्होंने दिल्ली से बार-बार आ रहे इस नंबर की जांच करवाई तो नंबर अनिल सिन्हा का निकला. हालांकि नंबर की जांच के बाद बसपा के कई बड़े दिग्गज नेताओं की इस डील में रातों की नींद उड़ गयी. डरे हुए नेताओं ने किसी तरह इस मामले की शिकायत सीबीआई के अफसरों से की.
युवक कर रहा था नेताओं से बड़ी डील
मामला सं ज्ञान में आते ही सीबीआई ने इस मामले में अपनी पड़ताल शुरू कर दी. इस पड़ताल के दौरान सीबीआई के अफसरों के भी पसीने उस समय छूट गए जब उन्होंने देखा की यूपी के बलिया का रहने वाला युवक सत्यम शिवम् तिवारी ये फोन बसपा नेताओं को सीबीआई का डायरेक्टर बन कर NRHM घोटाले में फंसे बसपा नेताओं से बड़ी रकम वसूली की डील कर रहा था.
फोन कर बसपा के बड़े नेताओं की नींद उड़ा
सूत्रों के मुताबिक बसपा के एक बड़े नेता से बलिया जिले के रहे वाले इस युवक ने पहले तो सीबीआई के डायरेक्टर अनिल सिन्हा का एक फोटो जुगाड़ कर उसे लैब से बनवाया और फिर दिल्ली के चाणक्य पूरी के एक मकान का पता देकर उस पर उनके नाम से सिम ले लिया. इस सिम के चालू होते ही उसने बसपा नेताओं से डील करनी शुरू कर दी, लेकिन एक पूर्व मंत्री को जब उसने फोन किया तो शक होने पर उन्होंने दिल्ली से आ रहे इस नंबर की जांच करवाई. जांच के दौरान ये नंबर सीबीआई के डायरेक्टर के नाम से होने के कारण उनके पसीने छूट गए.
सीबीआई के हथ्थे चढ़ा युवक
लेकिन फिर भी उन्हें यह शक सताता रहा कि डायरेक्टर कैसे खुद डील करेंगे. जिसके बाद उन्होंने डरते हुए इस मामले की शिकायत सीबीआई अफसरों से की. इसके बाद सीबीआई ने इस पड़ताल में बलिया के इस खुराफाती दिमाग वाले युवक को गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल लड़के पर चीटिंग और 420 करने की धारा के तहत उसे जेल भेज दिया गया है.