नई दिल्लीः मोदी को भी नहीं अंदाजा था कि उनकी नोटबंदी की ऐतिहासिक मुहिम को बैंक के भ्रष्ट मैनेजर इस तरह से पलीता लगा देंगे। नोटबंदी लागू करने में हुई जल्दबाजी के बीच कुछ नियम-कायदे लागू न कराए जाने से पुराने नोट लेने और नए नोट देने के बीच की कड़ी के बीच बैंकों ने खेल कर दिया। बैंक मैनेजरों ने एक दूसरे के यहां जमा पहचान पत्रों की अदली-बदली कर कालाधन को सफेद करने के खेल को खूब अंजाम दिया। पहले हफ्ते जिस तरह से नए नोटों की बैंक के अंदर लूट मची तो पूरे महीने में कैश की किल्लत दूर नहीं हो सकी। जब यह खबर खुफिया एजेंसियों के जरिए पीएमओ तक पहुंची तो अब जाकर रिजर्व बैंक के निर्देश पर सख्ती होने के बाद बैंकों के अंदर कैश के गड़बड़झाले पर नकेल कसी गई है। जिससे उम्मीद है कि कैश की किल्लत अब जल्द दूर होगी।
ऐसे हुआ खेल
नोटबंदी के बाद पुराने नोट बदलने और नए नोट लेने में आईडी जमा करने का नियम लागू कराया गया। मगर अधिकांश बैंकों में इस आइडी को ऑनलाइन साफ्टवेयर पर कोर सिस्टम पर अपलोड करने की जरूरत नहीं समझी गई। काउंटर के कैशियर बस आईडी की फोटोकापी लेते गए और पुराने नोट जमाकर नए नोट बांटते गए। चूंकि पहचान पत्रों का सीरियल नंबर किसी साफ्टवेयर पर फीड नहीं किय गया। लिहाजा एक आईडी से कई बैंकों में पैसे निकाले जाने का खेल चला। इस खेल को खुद बैंक प्रबंधकों ने अंजाम दिया। बैंक सूत्र बताते हैं कि बैंक मैनेजरों ने अपने करीबी दूसरे बैंक के मैनेजरों से मिलीभगत कर कालाधन सफेद करने का खेल किया। मान लीजिए किसी बैंक मैनेजर की शाख पर दो हजार लोगों ने पहचान पत्र जमाकर कैश निकाला और दूसरी शाख पर भी उतने ही लोगों ने आईडी जमाकर कैश बदला तो दोनों बैंक मैनेजरों ने एक दूसरे को आईडी देकर फिर से कमीशन लेकर लालाओं का धन सफेद कर दिया। यही वजह रहा कि देश के कई हिस्सों में करोड़ों का कैश हर रोज पकड़ा जा रहा है।
माजरा समझने में लग गए 15 दिन
लगातार जब देश के विभिन्न हिस्सों में करोड़ों का कैश बरामद होने लगा तो मोदी को नोटबंदी मुहिम विफल होती दिखी तो केंद्रीय एजेंसियों को पता लगाने को कहा। जिस पर रिपोर्ट आई कि सारा खेल तो बैंक के अंदर से ही चल रहा है। जिसके बाद आरबीआई की ओर से सभी बैंकों को विशेष साफ्टवेयर पर हर दिन पुराने नोट बदलने और नए नोट देने की पूरी डिटेल अपलोड करने का निर्देश जारी हुआ। यह नई व्यवस्था होने में करीब 15 दिन लग गए। जिससे अब बैंकों के अंदर कालाधन सफेद करने पर कुछ हद तक काबू पाया जा सका है।