लखनऊ ब्यूरो-: कुछ ही समय पहले राजस्थान के राज्यपाल कल्याण लखनऊ आये हुए थे। उस समय उनके माल एवेन्यू स्थित आवास पर इस संवाददाता की उनसे काफी देर तक बातचीत हुई थी। इस वार्ता के बाद कल्याण सिंह ने जब जाने के लिये उठने की कोशिश की, तो वह अपनी कुर्सी से उठ ही नही पा रहे थे। उन क्षणों में उनकी विवशता को समझकर इस संवाददाता ने उन्हें सहारा देकर हाथ पकड उठाया था। उसी समय इस संवाददाता को लगा था कि भाजपा के इस भीष्म पितामह पर उम्र पूरी तरह से हावी हो चुकी है। अब वह बिना किसी का सहारा पाये खूद चलने फिरने की स्थिति में नहीं रह गये हैं। लेकिन, काया के जर्जर हो जाने के बावजूद, उनकी मेधाशक्ति अभी भी पहले जैसी ही प्रखर है। बिना क्षण भर रुके हर एक सवालों का उन्होंने अपनी जिस प्रत्युत्पन्न मति से जवाब दिया था, वह हैरान कर देने वाली थी।लगता है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा के इस शीर्ष नेता की प्रखर मेधाशक्ति और परिपक्व राजनीति क निर्णय लेने की क्षमता पर पूरा भरोसा है। इसीलिये अपनी गाढी राजनीतिक समस्याओं के दौर वह पथप्रदर्शक के रूप् में इनका मार्गदर्शन लेते रहे हैं। उत्तर प्रदेश का मुख्य मंत्री किसे बनाया जाए, इस यक्षप्रश्न के उपस्थित होने पर उन्हें कल्याण सिंह से सलाह मशवरे की जरूरत महसूस हुई होगी। इसीलिये उनके आमंत्रण पर कल्याण सिंह कल दोपहर ही दिल्ली के लिये कूच कर गये थे।
लगता है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इस सच को भूले नहीं हैं कि अपने मुख्य मंत्रित्वकाल में इन्हीं कल्याण सिंह ने अपने असाधारण राजनीतिक कौशल और प्रशासनिक सूझ से प्रदेश की कानून और व्यवस्था की स्थिति में इतना जबरदस्त सुधार कर दिया था कि बहुबेटियों के चीरहरण की कौन कहे, उनकी ओर आंख उठाकर देखने तक की किसी मनचले में हिम्मत नहीं थी। वे बेखौफ होकर बेखटके कहीं भी अकेले आ जा सकती थी। इनकी सरकार में भ्रष्टाचार पर भी जबरदस्त अंकुश लग गया था। इसी के साथ पंचायतीराज व्यवस्था को मजबूत करने के लिये इनके असाधारण प्रयासों की लोग आज भी मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हैं। शायद, यही वजह है कि इनकी राजनीतिक परिपक्वता का लोहा मानते हुए नरेंद्र मोदी पिछले लोकसभाई चुनाव में अपनी कई रैलियों में इन्हें अपने साथ ले गये थे। प्रदेश का इस विधान सभाई चुनाव भी इन्हीं का बताया फार्मूला उनके बहुत काम आया है।
इस विधान सभाई चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद आज प्रातः तक प्रधान मंत्री इस समस्या से जूझ रहे थे कि उत्तर प्रदेश में किसे मुख्य मंत्री बनाया जाए? इस प्रश्न को लेकर कई दिनों से गहरे पशेपेश में पडे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर इन्हीं कल्याण सिंह की याद आ गयी है। इसीलिये उनके बुलावे पर वह कल दोपहर ही दिल्ली चले गये है। वहां आज उनसे गंभीर विचार विमर्श करने के बाद लगता है कि प्रधान मंत्री इस चिंता से मुक्त हो गये हैं। इसीलिये 18 मार्च को लखनऊ में भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों के साथ होने वाली बैठक को अब मात्र औपचारिक ही कहा जा सकता है। भाजपा के नये मुख्य मंत्री का नाम तय हो गया है। वह 19 मार्च को सायं पांच बजे अपने पद की शपथ ग्रहण करेंगे। स्वयं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भी इस समारोह में शामिल होने के लिये उस दिन लखनऊ आ रहे हैं।
UPकी खबरों के लिए संपर्क करे -:9889991111