नई दिल्ली: उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में टकराव ही टकराव नज़र आ रहा है। कल रात 9 बजकर 40 मिनट पर किन्नर प्रत्याशी रजनी ने पीसीसी अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के कमरे में जैसे ही दस्तक दी वैसे ही किशोर उपाध्याय के होश फाक़्ता हो गए। जी कमरा नं 204, में कल जो कुछ भी हुआ उसे देखकर हर कोई दंग रह गया। दरअसल रजनी रावत न केवल एक मज़बूत दावेदार हैं बल्कि उनका नाम उस सूची में भी था जिसे हरीश रावत द्वार तैयार की गई। क़रीबी सूत्रों कि मानें तो किशोर उपाध्याय नहीं चाहते कि एक किन्नर को वह टिकट दें।
सीएम के बेहद ख़ास व्यक्ति की मानें तो रजनी रावत का टिकट कटवाने में किशोर उपाध्याय का ही हांथ है उसकी जगह वह अपने व्यक्ति पृथ्वी चौहान को टिकट देने की बात कर रहे हैं। कल देर शाम तक टिकट को लेकर गहमागहमी के बाद अचानक पूरे सदन का माहौल बदल गया। सूत्रों कि मानें तो कल किशोर उपाध्याय और सीएम के बीच प्रत्याशियों को लेकर बात बदतमीज़ी तक पहुंच गई थी। जैसे ही सीएम हरीश रावत और किशोर उपाध्याय जिस वक़्त सीटों को लेकर बात कर रहे थे उसी वक़्त किशोर उपाध्याय ने नाराज़गी दिखाते हुये सीएम की ओर लिस्ट को फ़ेंकते हुये कहा कि 'अब सब आप ही तय कर लीजिये, मैं तो छोटा सा अध्यक्ष हूं मेरा क्या काम...'
नाराज रजनी रावत ने कांफ्रेंस के बाद किशोर उपाध्याय से कहा टिकट तो लेकर जाऊंगी
जैसे ही सूचना रजनी रावत तक पहुंची तो वह बेहद आक्रामक होकर पीसीसी अध्यक्ष उपाध्याय के पास पहुंची। जिसके बाद रूम नं 204 में जो कुछ हुआ उसका गवाह वहां मौजूद हर व्यक्ति बना। किशोर उपाध्याय के पास रजनी के पहुंचते ही वहां हंगामा खड़ा हो गया। उपाध्याय को नर्म गर्म लहज़े में रजनी ने राजनीति का ऐसा पाठ पढ़ाया कि किशोर उपाध्याय को घंटों तक दरवाज़ा बंद करके अंदर रहना पड़ा। रजनी और किशोर पूरे एक घंटे तक संवाद करते रहे। हालांकि एक घंटे बाद जब मीडिया को अंदर आने की इजाज़त दी गई तो भी रजनी रावत ने बात करने से मना कर दिया। किशोर उपाध्याय ने बेहद सधे हुए लहज़े में बताया कि यह राजनीति है यहा सब संभव है। लोगों कि नाराज़गी अपनी जगह सही हो सकती है। हालांकि रजनी रावत ने किशोर उपाध्याय कि आंखो में आंख डालकर मीडिया से कहा कि वह टिकट तो लेकर ही जाएंगी चाहे जो भी हो....