नई दिल्ली : पंजाब में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही आम आदमी पार्टी के सामने उसके पूर्व सदस्यों की पार्टियां बड़ी चुनौती पेश कर सकती हैं। आम आदमी पार्टी से अलग हुए दो नए संगठन जल्द पंजाब में दस्तक देने की कगार पर हैं। आम आदमी पार्टी से निलंबित पटियाला के सांसद धर्मवीर गाँधी ने राज्य में अपनी पार्टी लॉन्च करने का फैसला कर दिया है। उनका यह फैसला तब आया है जब आम आदमी पार्टी से अलग हुए दो पूर्व सदस्य योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण भी इसी साल अपने नए राजनीति क दल को बनाने की बात कर चुके हैं।
नई राजनीतिक पार्टी बनाने का फैसला करने वाले गाँधी का कहना है कि वह लोगों को एक नया विकल्प देना चाहते हैं क्योंकि अन्य राजनीतिक दल लोगों के लिए काम करने में असफल रहे हैं। पिछले दो टर्म से पंजाब में शिरोमणि अकालीदल और बीजेपी की सरकारें रही हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में भी एक ऐसे क्षेत्रीय दल की आवश्यकता जिसमे लोग ठीक उसी तरह भरोसा दिखा सकें जैसे तमिलनाडू में आल इंडिया अन्ना द्रविड मुन्नेत्र कड़गम, पश्चिम बंगाल में टीएससी और ओडिशा में बीजू जनता दल हैं।
योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने कहा था कि वह अक्टूबर में नया राजनीतिक दल बनाएंगे। वह किसानों के मुद्दों को उठाना चाहते हैं और पंजाब में किसानों का समर्थन उन्हें मिलने की पूरी संभावना है क्योंकि योगेंद्र यादव खुद कई समय से किसानों के आंदोलनों में भाग लेते रहे हैं। हालाँकि योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने अभी ये स्पस्ट नहीं किया कि उनका राजनीतिक दल पंजाब में लड़ेगा या नहीं। अगर आगामी चुनावों में गाँधी और यादव के पार्टी हिस्सा लेती है तो संभवतः आम आदमी पार्टी के लिए पंजाब में ये बड़ा झटका होगा।