नई दिल्ली : दो दिन पहले आगरा से यूपी में अपनी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का दावा करने वाली बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती की पार्टी पर अब चुनावी संकट के बदल मंडरा रहे है. बताया जाता है कि बसपा से एक बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा सांसद रहे बृजेश पाठक के पार्टी छोड़े जाने के बाद से पार्टी में इस बात कि सरगर्मियां जोरों पर है कि उनके साथ कई और बचे ब्राह्मण नेता भी पार्टी छोड़कर जा सकते हैं.
मुश्किलें बढ़ सकती हैं मायावती की
जिसके चलते साल 2017 में होने वाले यूपी के विधानसभा चुनाव को लेकर बसपा सुप्रीमो बहन जी कि मुश्किलें और बढ़ती जा रही हैं. पार्टी के जानकारों के मुताबिक मायावती भले ही अपनी जीत का ढिंढोरा पीट रही हों, लेकिन हकीकत यह है कि भीतर ही भीतर वह बेहद परेशान हैं. सूत्रों के मुताबिक बसपा को अलविदा बोलकर बीजेपी में शामिल हुए बृजेश पाठक को अमित शाह उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण बाहुल्य इलाके का प्रभारी बनाकर सूबे में राजनीति की पिच पर मास्टर स्ट्रोक खेल ने की तैयारी का मूड बना चुके हैं. बताया जाता है कि हरदोई, उन्नाव, कानपुर, सीतापुर, लखीमपुर, संडीला और बिंसवा इत्यादि ब्राह्मण बाहुल्य इलाकों कि जिम्मेदारी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह अब बृजेश पाठक को सौंपने जा रहे हैं.
बसपा की सरकार बनाने में अहम् रोल निभा चुके हैं पाठक
बीजेपी से जुड़े के सूत्रों के मुताबिक अमित शाह कि यह रणनीति है कि बृजेश को इन जिलों का चुनाव प्रभारी बनाकर पार्टी के लिए वोट मांगे जायें, तभी पार्टी को बड़ा समर्थन ब्राह्मण मतदाताओं का मिल सकेगा. दरअसल बृजेश पाठक ने साल 2007 में यूपी में बसपा कि सरकार बनवाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करी थी. जिसके चलते वह बहन जी और पार्टी के सबसे बड़े सलाहकार सतीश चन्द्र मिश्र के काफी करीबी नेता माने जाते थे. लेकिन जब पाठक ने और उसके बाद बसपा के भाई चारा कमेटी के अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने अचानक पार्टी छोड़ दी तो सतीश मिश्र भी सन्न रह गए.
पाठक पार्टी छोड़ने का मन पहले ही बना चुके थे
सूत्रों के मुताबिक बृजेश पाठक के पार्टी छोड़ने कि रणनीति तो उसी दिन बन गयी थी. जब बहन जी ने पूर्वांचल कि चिल्लूपार विधानसभा के विधायक राजेश त्रिपाठी को पार्टी से निकाल दिया था. इसके साथ अरविन्द त्रिपाठी और कई अन्य ब्राह्मण नेताओं की छुट्टी मायावती ने पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर की थी. बताया जाता है कि अब जब उनका साथ इन ब्राह्मण नेताओं की राजनीति करने वाले नेता बृजेश पाठक ने छोड़ा है, तभी से बसपा में खलबली मची हुई है.
मायावती का दावा होगा झूठा साबित
बहरहाल अब यूपी के ब्राह्मण बाहुल्य जिलों का ब्राह्मण वोट हथियाने को लेकर बीजेपी बृजेश पाठक को 15 से 25 प्रतिशत वाले ब्राह्मण बाहुल्य इलाकों का प्रभारी बनाकर अपनी पार्टी का प्रचार प्रसार करने की जिम्मेदारी सौंपने का मन बना चुकी है. फिलहाल अमित शाह की कसौटी पर अगर बृजेश पाठक खरे उतरते हैं तो जाहिर सी बात हैं कि यूपी में मायावती का पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने का दावा हवा हवाई साबित होगा. इसी को लेकर मायावती परेशान हैं.