देहरादून : उत्तराखण्ड में बनी नई बीजेपी सरकार में पांच कांग्रेस से आये नेताओं को जगह दी गई है। इस नेताओं में कई ऐसे भी हैं जो कांग्रेस की सरकार में भी मंत्री थे और तब बीजेपी इन नेताओं पर खूब भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाती थी। उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उस दौर में हुए एनएच-74 घोटाले की जाँच सीबीआई को सौंप दी है। जिसके बाद इस घोटाले की कांग्रेसियों पर आंच आने की संभावना है।
कुमांऊ कमिश्नर ने इस पूरे घोटाले को लेकर एक प्राथमिक रिपोर्ट सरकार को भेजो थी जिसमे कहा गया था कि भू-माफिया, नौकरशाह तथा राजनेताओं के गठजोड़ से 200 करोड़ से ज्यादा के इस घोटाले को अंजाम दिया गया।
जिस वक़्त 2011 के बाद इस घोटाले को अंजाम दिया गया, उस वक्त खुद रेवेन्यू मंत्रालय यशपाल आर्य के पास था जो अब कांग्रेस छोड़कर बीजेपी सरकार में मंत्री हैं। सूत्रों की माने तो इस घोटाले की अगर विस्तारपूर्वक जाँच की जाए तो बीजेपी सरकार तक भी इसकी आंच पहुँच सकती है।
यही कारण था कि इस घोटाले से निपटना त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए बड़ी चुनौती का काम था। हालाँकि उन्होंने इस मामले में कुछ अधिकारियों को निलंबित कर इसकी सीबीआई जाँच के आदेश दे दिए हैं। केंद्र में इस वक्त बीजेपी की सरकार है इसलिए यह देखना भी खास होगा कि सीबीआई की जाँच में बीजेपी में कांग्रेस से आये नेताओं पर कोई कार्रवाई होती है या नही।
कुमाऊं कमिश्नर की जाँच में सामने आया था कि चुनाव के दौरान प्रदेश कांग्रेस का एक खाता बैंक में खुला था और उसमें इस परियोजना के तहत मुआवजा पाने वाले लाभार्थियों द्वारा मोटी रकम जमा किया जाना अपने आप में कहानी समझने के लिए एक बड़ा तथ्य है।