shabd-logo

करवाचौथ का चाँद!

29 अक्टूबर 2015

275 बार देखा गया 275
featured image

करवाचौथ पर सुहागिन महिलाओं को रहता हैं, चाँद का इंतज़ार! इस दिन सुहाग के सभी प्रतीकों से सुसज्जित होकर, महिलाएं चाँद का घण्टों इंतज़ार करती हैं। चाँद के दीदार के बाद ही पूजन विधि संपन्न कर महिलाएं अपना व्रत खोलती है। सुहागनों के लिए ये पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, इस दिन ये अपनी पति की लम्बी आयु के लिए व्रत रखती हैं। वास्तव में, करवाचौथ निर्विवादित रूप से पूरें भारत वर्ष में नहीं अपितु विदेशों में प्रवास कर रहे अप्रवासी भारतीयों में भी उतना ही लोकप्रिय हैं। बहुत से विचारक, करवाचौथ की वैज्ञानिकता पर सवाल उठाते रहे हैं परन्तु आस्था, परम्परा और रीति-रिवाज़ों के बीच वैज्ञानिकता कहीं पीछे छूट जाती है।


"करवा चौथ" की लोकप्रियता का अंदाजा, आप इस बात से लगा सकते हैं कि भारतीय ही नहीं वरन विदेशों में रह रही भारतीय महिलाएं भी इसे पूरे रीति-रिवाज़ों के साथ मानती है। करवाचौथ का त्योहार है एक दूसरे के प्रति समर्पण, निष्ठा और प्रेम का, आज की युवा पीढ़ी भलें ही कितनी भी व्यस्त क्यों न हो परन्तु करवाचौथ त्योहार के लिए समय निकाल ही लेती हैं। महिलाएं इस दिन पारम्परिक खाना बनाती हैं तथा ससुराल पक्ष से आई हुई सरगी खाकर, इस व्रत का शुभारम्भ करती है। 

 

त्योहारों में प्राकृतिक प्रतीकों का अलग ही महत्व है। करवाचौथ के दिन, चाँद का अलग ही रुतबा होता है और उसके महत्व को कम नहीं किया जा सकता।  हिन्दू हो चाहे मुस्लिम, चाँद न जाने भेद करना, करवाचौथ का व्रत हो या फिर बात हो रोजे तोड़ने की, चाँद के दीदार की लोगों को उतने ही बेसब्री रहती है। ये दर्शाता है,  प्रकृति कोई  भेद-भाव नहीं करती, ये भेद-भाव करना इंसान की फितरत हैं। अंत में, करवाचौथ की हार्दिक बधाई!




29
रचनाएँ
AMRIT
0.0
अमृत-कलश के माध्यम से आप सबका ध्यान समसामयिक एवं रोचक विषयों पर करना चाहूंगी ।
1

भाई-बहन के प्यार का प्रतीक : रक्षाबंधन त्योहार और उसका बढ़ता हुआ ऑनलाइन व्यवसाय !

24 अगस्त 2015
0
8
1

भाई-बहन के प्यार का प्रतीक, रक्षाबंधन का त्योहार हर साल अगस्त के महीने में आता है| भाई-बहन का ये त्योहार, एक-दूसरे के प्रति अगाध स्नेह और अटूट विश्वास को दर्शाता हैं| भाई की कलाई में सजी हुई रंग-बिरंगी राखी भले ही देखने में कमजोर प्रतीत हो पर इस रिश्ते की डोर अत्यंत मजबूत होती है| इस त्योहार पर बहने

2

ठंढी अंधियारी रात में , सुन सां सा किनारा , जाने कितने रज्ज छुपाए बहती थी जल धरा.............

16 सितम्बर 2015
0
2
0

ठंढी अंधियारी रात में , सुन सां सा किनारा , जाने कितने रज्ज छुपाए बहती थी जल धरा.............

3

प्यार की बोली, "हिंदी"!

26 सितम्बर 2015
0
5
2

घोल कर मिठास और प्यार,हिंदी की महिमा अपरम्पार,हिंदी में व्यक्त करके मन के उदगार, करें दूर अपना तनाव,फिर चाहे हो, लखनऊ के नवाब या हैदराबाद के जनाब,आये मीठी बोली सभी को रास,कविता, कहानी हो या हो हास-परिहास,हिंदी की कुछ ख़ास है बात, साथ हो गर, शब्दनगरी का साथ,इस मंच पर साझा करो अपने विचार,नए दोस्त बनाओ

4

अपने भीतर जागृत करें आत्मविश्वास!

3 अक्टूबर 2015
0
2
0
5

सुबह को बनायें ताज़गी भरा!

5 अक्टूबर 2015
0
3
2

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

6

कहीं इंटरनेट न बन जाएँ अभिशाप!

6 अक्टूबर 2015
0
1
1

सूचना क्रांति के क्षेत्र में इंटरनेट ने अहम भूमिका निभायी है। एक ओर तो इंटरनेट ने स्काइप और व्हाट्स एप के माध्यम से लोगों के बीच की दूरियां ख़त्म की है वही दूसरी ओर इंटरनेट ने रिश्तों में कही न कही दूरियां बढ़ा दी हैं । लोगों के बीच बढ़ती हुई संवादहीनता एवं मानसिक बीमारियां इसी का परिणाम है। बचपन भी इं

7

"आचार: परमो धर्म:"

7 अक्टूबर 2015
1
5
4

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves></w:TrackMoves> <w:TrackFormatting></w:TrackFormatting> <w:PunctuationKerning></w:PunctuationKerning> <w:ValidateAgainstSchemas></w:ValidateAgainstSchemas> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXML

8

अपने भीतर जागृत करें आत्मविश्वास!

7 अक्टूबर 2015
0
5
4

<!--[if gte mso 9]><xml> <o:OfficeDocumentSettings> <o:RelyOnVML></o:RelyOnVML> <o:AllowPNG></o:AllowPNG> </o:OfficeDocumentSettings></xml><![endif]--><!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves></w:TrackMoves> <w:TrackFormatting></w:Track

9

कल्पनाओं को कैसे करें साकार!

9 अक्टूबर 2015
0
7
10

रोज मन में ढेरो कल्पनायें पंख लगाकर उड़ने को तैयार रहती हैं। हर पल मन असंख्य कल्पनायें करता रहता है। अपनी सकारात्मक कल्पनाओं को कैसे करे साकार, ये अत्यंत महत्वपूर्ण प्रश्न है? इस कल्पनाओं  के माध्यम से, हम अपने सुन्दर और सुनहरे भविष्य की ओर अग्रसर होते है। ये कल्पनायें ही हमारे भीतर छुपी हुई प्रतिभाओ

10

हौसला रख

13 अक्टूबर 2015
0
4
0
11

ज़िद है ......

13 अक्टूबर 2015
0
11
4
12

आंतरिक सुंदरता का महत्व

14 अक्टूबर 2015
0
2
4

आज के समय में, चमकदार त्वचा, सुंदर नाक-नक्श, स्वस्थ एवं संतुलित, सुडौल आकार ही सुंदरता का मानदंड हैं। परन्तु बाह्य सुंदरता ही सुंदरता की परिभाषा नहीं हैं वरन परोपकारिता और उदारता से भरा हुआ दिल ही आत्मा का सौंदर्य है। भीतरी सुंदरता इंसान की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है। अच्छी सोच और सकारात्मक विचार

13

बनाएं जीवन को खुशहाल!

15 अक्टूबर 2015
0
4
4

आज के दौर में लोग नहीं जानते की ख़ुशी क्या हैं? लोग सोचते हैं की ढेर सारे पैसे, ऐशो आराम के साधन उन्हें ख़ुशी दे सकते हैं परन्तु वास्तविक स्थिति एकदम विपरीत हैं। व्यक्ति कम संसाधनों में भी खुश रह सकता हैं सच्चाई तो यह है है की ख़ुशी कहीं और नहीं हमारे अंदर छुपी हुई हैं । ख़ुशी एक मनः स्थिति हैं और पूर

14

चिंता से बचें, चिंतन करें!

17 अक्टूबर 2015
0
1
0

चिंता होना स्वभाविक होता है, लेकिन ऐसी बहुत सी व्यर्थ की चिंताए हमारे पास होती हैं जो जीवन को घुन की भांति खा जाती हैं। आज के दौर में, देखा जाएँ तो जीवन  चिंताग्रसित होता जा रहा हैं, चिंता करना मनुष्य का स्वभाव बनता जा रहा है। हमें ऐसी चिंता से बचना हैं।स्वामी रामतीर्थ ने कहा है कि , "चिंताएं, परेश

15

पुस्तकों की दुनिया

26 अक्टूबर 2015
0
1
0

पुस्तकों की दुनिया निराली हैं । जो एक बार पुस्तकों की निराली दुनिया में डूब गया वो शायद ही उससे निकलना चाहे। अच्छी पुस्तकों के द्वारा हमारे अंदर छुपे रचनात्मक पहलु को नयी दिशा मिलती हैं। हालाँकि, आजकल डिजिटल युग में, लोग #पुस्तक पढ़ने की अपेक्षा अपना ज्यादा समय ऑनलाइन गेम्स और इंटरनेट की आभासी दुन

16

भारतीय संस्कृति की विशेषतायें!

27 अक्टूबर 2015
0
0
0

भारत, मानव जाति का पालना  है, मानव वाणी का जन्मस्थान, इतिहास की जननी, किंवदंतीयों की मातामही, और परंपरा की  महा मातामही , मानवीय इतिहास की  सबसे मूल्यवान और शिक्षाप्रद वस्तुएं भारत में ही निहित है। -मार्क ट्वेनभारतीय संस्कृति विश्व की सबसे समृद्ध संस्कृति मानी जाती है।अखिल विश्व गायत्री परिवार (AWGP

17

स्वच्छ जल की समस्या!

28 अक्टूबर 2015
0
4
7

जल जीवन का आधार है। सचमुच जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती इसीलिए कहा जाता हैं <!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves></w:TrackMoves> <w:TrackFormatting></w:TrackFormatting> <w:PunctuationKerning></w:PunctuationKerning> <w:V

18

करवाचौथ का चाँद!

29 अक्टूबर 2015
0
1
0

करवाचौथ पर सुहागिन महिलाओं को रहता हैं, चाँद का इंतज़ार! इस दिन सुहाग के सभी प्रतीकों से सुसज्जित होकर, महिलाएं चाँद का घण्टों इंतज़ार करती हैं। चाँद के दीदार के बाद ही पूजन विधि संपन्न कर महिलाएं अपना व्रत खोलती है। सुहागनों के लिए ये पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, इस दिन ये अपनी पति की लम्बी आयु के ल

19

भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी में कैसे रखें सुन्दरता का ख्याल!

2 नवम्बर 2015
0
5
0

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

20

जानिए अपना आयुर्वेदिक बॉडी टाइप!

4 नवम्बर 2015
0
3
0

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves></w:TrackMoves> <w:TrackFormatting></w:TrackFormatting> <w:PunctuationKerning></w:PunctuationKerning> <w:ValidateAgainstSchemas></w:ValidateAgainstSchemas> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXML

21

असीमित शक्ति का भंडार है: मन

4 नवम्बर 2015
0
3
0

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

22

जीना इसी का नाम है!

17 नवम्बर 2015
0
2
0

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves></w:TrackMoves> <w:TrackFormatting></w:TrackFormatting> <w:PunctuationKerning></w:PunctuationKerning> <w:ValidateAgainstSchemas></w:ValidateAgainstSchemas> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXML

23

विद्यार्थियों को मिलें, शिक्षा संग विद्या !

18 नवम्बर 2015
0
5
0

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves></w:TrackMoves> <w:TrackFormatting></w:TrackFormatting> <w:PunctuationKerning></w:PunctuationKerning> <w:ValidateAgainstSchemas></w:ValidateAgainstSchemas> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXML

24

युवा बनें स्वस्थ और सशक्त!

19 नवम्बर 2015
0
2
2

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves></w:TrackMoves> <w:TrackFormatting></w:TrackFormatting> <w:PunctuationKerning></w:PunctuationKerning> <w:ValidateAgainstSchemas></w:ValidateAgainstSchemas> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXML

25

पुरुषार्थ से बदलता है भाग्य!

23 नवम्बर 2015
0
4
2

पुरुषार्थ के द्वारा मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता बनता है। कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प,आशावाद और प्रेरणा का समावेश, मनुष्य में नयी उमंग और प्रेरणा भरता है। जीवन में श्रम का विशेष महत्व है क्योंकि परिश्रम वह सुनहरी कुंजी है जो भाग्य के बंद कपाट खोल देती है। परिश्रम ही जीवन की सफलता का रहस्य है, परिश्रम व

26

केप टाउन के विहंगम दृश्य (यात्रा वृत्तांत)-१

24 नवम्बर 2015
0
2
0

"जीवन", भगवान का एक सुंदर उपहार है जो हमें अपने अनुभवों से सीखकर अपने आप को विकसित करने का अवसर प्रदान करता है। यात्रा, एक ऐसा अनुभव है जो हमारे दिल को सुनहरी यादों के साथ सिक्त कर देता है। हमारी केप टाउन यात्रा, एक अप्रत्याशित यात्रा थी जिसने हमारी ज़िन्दगी में नए रंग भर दिए|दुनिया में कुछ चुनिदा

27

ताकि हँसता खिलखिलाता रहे, बचपन!

27 नवम्बर 2015
0
5
2

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves></w:TrackMoves> <w:TrackFormatting></w:TrackFormatting> <w:PunctuationKerning></w:PunctuationKerning> <w:ValidateAgainstSchemas></w:ValidateAgainstSchemas> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXML

28

जीवन की परिभाषा, "संघर्ष"

30 नवम्बर 2015
0
7
1

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves></w:TrackMoves> <w:TrackFormatting></w:TrackFormatting> <w:PunctuationKerning></w:PunctuationKerning> <w:ValidateAgainstSchemas></w:ValidateAgainstSchemas> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXML

29

सोशल मीडिया की आम ज़िन्दगी में भागीदारी!

2 दिसम्बर 2015
0
5
0

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves></w:TrackMoves> <w:TrackFormatting></w:TrackFormatting> <w:PunctuationKerning></w:PunctuationKerning> <w:ValidateAgainstSchemas></w:ValidateAgainstSchemas> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXML

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए