सुबह उठने पर भी, क्या आप ताज़गी भरा महसूस नहीं करते हैं? आयुर्वेद के कुछ नियम अपनाकर, आप प्रतिदिन सुबह स्फूर्तिदायक और चुस्त-दुरुस्त महसूस कर सकते है। अपनी दिनचर्या में थोड़े से बदलाव ला कर तथा कुछ सरल नियमों का पालन कर, आप हर सुबह नव स्फूर्ति और शक्ति प्राप्त कर अपने आप में महत्वपूर्ण बदलाव महसूस कर सकते है।
सूर्योदय से पहले जागे:
सूर्योदय से पहले जागने पर आप अपने अंदर खुद ताज़गी महसूस करेंगे। आयुर्वेद के अनुसार, प्रातः काल शुद्ध, शांत, सात्विक गुण वातावरण में व्याप्त रहते हैं। इसी कारण, लोग सूर्योदय से पहले जागने पर स्फूर्तिदायक महसूस करते हैं ।
उषापान:
प्रातः काल, शुद्ध तांबे के बर्तन में भरे हुए जल का सेवन करना सेहत के लिए अत्यंत लाभ दायक है। इसके पश्चात योगासन करने से, आप के शरीर में स्थित बैक्टीरिया और विषाक्त पदार्थो से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं और अपने भीतर नव-ऊर्जा महसूस कर सकते है।
मालिश:
स्नान से पूर्व, मालिश करने से आपका शरीर में रक्त संचार ठीक होता है । शरीर की प्रकृति अनुसार तेल चुन कर मालिश करने से आप अपने शरीर में बेहतर बदलाव महसूस करेंगे। उसके उपरान्त, प्राकृतिक साबुन से स्नान कीजिये, ताकि आपकी सुबह ताज़गी भरी हो जाएँ ।
सैर:
ताज़ी हवा में सुबह हवा में घूमना, सुबह ताज़गी महसूस करने का सबसे अच्छा तरीका है। नियमित सैर से आप के भीतर चैतन्यता आती है तथा प्रातः काल की आक्सीजन भी आपको प्राप्त होती है।
योग तथा प्राणायाम:
नियमित योग तथा
प्राणायाम के द्वारा,
आप अपने अंदर
खुद बदलाव महसूस
करेंगे । योग
तथा प्रणायाम के
द्वारा आपका स्वास्थ्य
उत्तम रहेगा और
आप अपनी दिनचर्या
के लिए तैयार
रहेंगे। ध्यान के द्वारा
आप नकारत्मक विचार
को दूरकर सकरात्मकता
से जुड़ जाएंगे।
इन आयुर्वेद के नियमों को अपनाकर, आप महसूस करेंगे की आपकी हर सुबह नव स्फूर्ति से सुसज्जित हो जाएँगी। इसके अलावा भी आपको अपनी दिनचर्या में बदलाव करने होगे तभी आप को पूर्ण रूप से स्वस्थ रह पाएंगे।