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स्वच्छ जल की समस्या!

28 अक्टूबर 2015

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जल जीवन का आधार है। सचमुच जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती इसीलिए कहा जाता हैं "पानी बचायें, जीवन बचायें"। कहते हैं कि गर तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो वह पानी के लिए होगा। ये कथन कहाँ तक सत्य है, इसका अंदाजा तो नहीं लगाया जा सकता परन्तु स्वच्छ जल की समस्या चारो ओर छायी हुई है। निश्चित रूप से, समुद्री पानी खारा हैं और पीने योग्य नहीं हैं लेकिन प्रकृति इससे मीठा करके वर्षा के रूप में हमें निरंतर प्रदान करती हैं।


ऐसा अनुमान हैं की पूरी दुनिया का १७ प्रतिशत पानी महासागरों और समुद्रो में है। केवल 2.5% बर्फ के रूप में मौजूद है और केवल .5% पीने योग्य है। इस .5% जल का वितरण भी सम्पूर्ण विश्व के विभिन्न भागों में एक सामान नहीं हैं। इसी कारण से,  विश्व के कई देशों में जल वितरण की समस्या को लेकर तनाव बढ़ रहा है। लगातार बढ़ती हुई जनसंख्या, नगरीकरण के साथ औद्योगीकरण ने इस समस्या को और भी विकराल रूप दे दिया। जल प्रदूषण की वजह से, स्वच्छ पानी पीने योग्य नहीं रह गया है। जल में बढ़ते प्रदूषण ने उनमें रहने वालें जीव-जंतुओं को भी समाप्त कर दिया हैं।

 

इसी बाबत, दुनिया भर में जल संरक्षण की मुहीम छिड़ी हुई हैं। जल संरक्षण के लिए जल की यथासंभव बचत के साथ-साथ जल को रीसायकल करें, अर्थात उपयोग में लाएं  जा रहे पानी को पुनः प्रयोग करने के लिए जरूरी प्रक्रियाओं से गुजारे और जल का रीयूज यानी उपयोग किये गए पानी का दुबारा इस्तेमाल करें। वर्षा ऋतु में यदि जल- संरक्षण व उपयोग की विधियां तलाश ली जाएँ तो जल की कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।

 

जल-संरक्षण के मुद्दे पर आप अपने विचार साझा कीजिये!

 
वर्तिका

वर्तिका

महत्वपूर्ण जानकारी, साझा करने के लिए धन्यवाद! जल संरक्षण की समस्या का उचित समाधान दिया, दीपक जी!

29 अक्टूबर 2015

दीपक राज मिर्धा

दीपक राज मिर्धा

इसका कारन जानिये. गौ माता के गोबर से जब खेती होती है तो जमीं में महीन सुराख़ बन जाते है.ye सुराख़ बड़े काम के है. इनसे बारिश का पानी रिसकर जमीं के निचे चला जाता है. जब गोबर से खेती नहीं हो रही है तो ये पानी जाना बंद हो गया है. अब हमारे पास पानी का वो संग्रह नहीं रहा जो पहले होता था . इसी कारन पिने के लिए पानी नहीं रहा जो पहले होता था . ये पानी जो जमा है उसे भी बोरिंग के द्वारा खींचा जा रहा है . मूल समस्या ये दोनों है . समाधान करना होगा . पानी बहुत है कमी नहीं है. उसका भण्डारण नहीं हो पाता है. तालाब खुदवाने से भी समस्या का निराकरण हो sakta है.

29 अक्टूबर 2015

वर्तिका

वर्तिका

आप सभी की बात से सहमत हूँ! बहुत धन्यवाद विजय जी, राघवेन्द्र जी, राजेंद्र जी, ओम प्रकाश जी!

29 अक्टूबर 2015

ओम प्रकाश शर्मा

ओम प्रकाश शर्मा

'जल ही जीवन है'...... इसे जानते-समझते तो सभी हैं लेकिन जन-जन को जल संरक्षण के लिए जागरूक होना होगा ! सार्थक लेख !

29 अक्टूबर 2015

राजेन्द्र प्रसाद

राजेन्द्र प्रसाद

उत्कृष्ट ।। Nice

28 अक्टूबर 2015

राघवेन्द्र कुमार

राघवेन्द्र कुमार

पानी लेहु बचाइ नाइ ता जीवन जइहै... न कुछ करि पइहै विज्ञान भूमि बंजर होइ जइहै ।।

28 अक्टूबर 2015

विजय कुमार शर्मा

विजय कुमार शर्मा

उत्तम ज्ञान

28 अक्टूबर 2015

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रचनाएँ
AMRIT
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अमृत-कलश के माध्यम से आप सबका ध्यान समसामयिक एवं रोचक विषयों पर करना चाहूंगी ।
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भाई-बहन के प्यार का प्रतीक : रक्षाबंधन त्योहार और उसका बढ़ता हुआ ऑनलाइन व्यवसाय !

24 अगस्त 2015
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भाई-बहन के प्यार का प्रतीक, रक्षाबंधन का त्योहार हर साल अगस्त के महीने में आता है| भाई-बहन का ये त्योहार, एक-दूसरे के प्रति अगाध स्नेह और अटूट विश्वास को दर्शाता हैं| भाई की कलाई में सजी हुई रंग-बिरंगी राखी भले ही देखने में कमजोर प्रतीत हो पर इस रिश्ते की डोर अत्यंत मजबूत होती है| इस त्योहार पर बहने

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ठंढी अंधियारी रात में , सुन सां सा किनारा , जाने कितने रज्ज छुपाए बहती थी जल धरा.............

16 सितम्बर 2015
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ठंढी अंधियारी रात में , सुन सां सा किनारा , जाने कितने रज्ज छुपाए बहती थी जल धरा.............

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प्यार की बोली, "हिंदी"!

26 सितम्बर 2015
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घोल कर मिठास और प्यार,हिंदी की महिमा अपरम्पार,हिंदी में व्यक्त करके मन के उदगार, करें दूर अपना तनाव,फिर चाहे हो, लखनऊ के नवाब या हैदराबाद के जनाब,आये मीठी बोली सभी को रास,कविता, कहानी हो या हो हास-परिहास,हिंदी की कुछ ख़ास है बात, साथ हो गर, शब्दनगरी का साथ,इस मंच पर साझा करो अपने विचार,नए दोस्त बनाओ

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अपने भीतर जागृत करें आत्मविश्वास!

3 अक्टूबर 2015
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सुबह को बनायें ताज़गी भरा!

5 अक्टूबर 2015
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कहीं इंटरनेट न बन जाएँ अभिशाप!

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7 अक्टूबर 2015
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हौसला रख

13 अक्टूबर 2015
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13 अक्टूबर 2015
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आज के समय में, चमकदार त्वचा, सुंदर नाक-नक्श, स्वस्थ एवं संतुलित, सुडौल आकार ही सुंदरता का मानदंड हैं। परन्तु बाह्य सुंदरता ही सुंदरता की परिभाषा नहीं हैं वरन परोपकारिता और उदारता से भरा हुआ दिल ही आत्मा का सौंदर्य है। भीतरी सुंदरता इंसान की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है। अच्छी सोच और सकारात्मक विचार

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बनाएं जीवन को खुशहाल!

15 अक्टूबर 2015
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आज के दौर में लोग नहीं जानते की ख़ुशी क्या हैं? लोग सोचते हैं की ढेर सारे पैसे, ऐशो आराम के साधन उन्हें ख़ुशी दे सकते हैं परन्तु वास्तविक स्थिति एकदम विपरीत हैं। व्यक्ति कम संसाधनों में भी खुश रह सकता हैं सच्चाई तो यह है है की ख़ुशी कहीं और नहीं हमारे अंदर छुपी हुई हैं । ख़ुशी एक मनः स्थिति हैं और पूर

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चिंता से बचें, चिंतन करें!

17 अक्टूबर 2015
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चिंता होना स्वभाविक होता है, लेकिन ऐसी बहुत सी व्यर्थ की चिंताए हमारे पास होती हैं जो जीवन को घुन की भांति खा जाती हैं। आज के दौर में, देखा जाएँ तो जीवन  चिंताग्रसित होता जा रहा हैं, चिंता करना मनुष्य का स्वभाव बनता जा रहा है। हमें ऐसी चिंता से बचना हैं।स्वामी रामतीर्थ ने कहा है कि , "चिंताएं, परेश

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पुस्तकों की दुनिया निराली हैं । जो एक बार पुस्तकों की निराली दुनिया में डूब गया वो शायद ही उससे निकलना चाहे। अच्छी पुस्तकों के द्वारा हमारे अंदर छुपे रचनात्मक पहलु को नयी दिशा मिलती हैं। हालाँकि, आजकल डिजिटल युग में, लोग #पुस्तक पढ़ने की अपेक्षा अपना ज्यादा समय ऑनलाइन गेम्स और इंटरनेट की आभासी दुन

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भारतीय संस्कृति की विशेषतायें!

27 अक्टूबर 2015
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भारत, मानव जाति का पालना  है, मानव वाणी का जन्मस्थान, इतिहास की जननी, किंवदंतीयों की मातामही, और परंपरा की  महा मातामही , मानवीय इतिहास की  सबसे मूल्यवान और शिक्षाप्रद वस्तुएं भारत में ही निहित है। -मार्क ट्वेनभारतीय संस्कृति विश्व की सबसे समृद्ध संस्कृति मानी जाती है।अखिल विश्व गायत्री परिवार (AWGP

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28 अक्टूबर 2015
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करवाचौथ का चाँद!

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करवाचौथ पर सुहागिन महिलाओं को रहता हैं, चाँद का इंतज़ार! इस दिन सुहाग के सभी प्रतीकों से सुसज्जित होकर, महिलाएं चाँद का घण्टों इंतज़ार करती हैं। चाँद के दीदार के बाद ही पूजन विधि संपन्न कर महिलाएं अपना व्रत खोलती है। सुहागनों के लिए ये पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, इस दिन ये अपनी पति की लम्बी आयु के ल

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भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी में कैसे रखें सुन्दरता का ख्याल!

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जानिए अपना आयुर्वेदिक बॉडी टाइप!

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असीमित शक्ति का भंडार है: मन

4 नवम्बर 2015
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जीना इसी का नाम है!

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विद्यार्थियों को मिलें, शिक्षा संग विद्या !

18 नवम्बर 2015
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युवा बनें स्वस्थ और सशक्त!

19 नवम्बर 2015
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पुरुषार्थ से बदलता है भाग्य!

23 नवम्बर 2015
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पुरुषार्थ के द्वारा मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता बनता है। कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प,आशावाद और प्रेरणा का समावेश, मनुष्य में नयी उमंग और प्रेरणा भरता है। जीवन में श्रम का विशेष महत्व है क्योंकि परिश्रम वह सुनहरी कुंजी है जो भाग्य के बंद कपाट खोल देती है। परिश्रम ही जीवन की सफलता का रहस्य है, परिश्रम व

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केप टाउन के विहंगम दृश्य (यात्रा वृत्तांत)-१

24 नवम्बर 2015
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"जीवन", भगवान का एक सुंदर उपहार है जो हमें अपने अनुभवों से सीखकर अपने आप को विकसित करने का अवसर प्रदान करता है। यात्रा, एक ऐसा अनुभव है जो हमारे दिल को सुनहरी यादों के साथ सिक्त कर देता है। हमारी केप टाउन यात्रा, एक अप्रत्याशित यात्रा थी जिसने हमारी ज़िन्दगी में नए रंग भर दिए|दुनिया में कुछ चुनिदा

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ताकि हँसता खिलखिलाता रहे, बचपन!

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जीवन की परिभाषा, "संघर्ष"

30 नवम्बर 2015
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सोशल मीडिया की आम ज़िन्दगी में भागीदारी!

2 दिसम्बर 2015
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