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युवा बनें स्वस्थ और सशक्त!

19 नवम्बर 2015

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युवावर्ग हमारे देश की प्रमुख ऊर्जा व शक्ति का स्त्रोत है| जिससे हमारा देश उन्नति की दिशा में अग्रसर हो रहा है| युवा अवस्था में हमारे अन्दर जूनून, हौसला और जिम्मेदारियां सबसे अधिक होती है| इसीलिए, सभी को युवाओं से आशा होती है कि वो स्वस्थ और सशक्त बन कर प्रगति पथ पर अग्रसर होगा| लेकिन हमारे देश के युवा गलत खान-पान व अस्वस्थ जीवन शैली के कारण विभिन्न तरह के रोगों का शिकार बन रहा है, जिसका असर देश की प्रगति पर पड़ रहा है|


युवा होने का सबसे बड़ा प्रमाण यही है कि भावनाओं का पुंज और उत्साह का स्त्रोत हो | ~ गणेश शंकर

युवा तो वो है, जिसके सामने कितनी भी विषम परिस्थति क्यूँ न हो वह हार नहीं मानता और निरंतर जीवन पथ पर आगे बढता रहता है| आज का युवा वर्ग अपने स्वास्थ्य पर ध्यान न देने के कारण शारीरिक रूप से कमज़ोर और मानसिक रूप से दुर्बल हो रहा है| कार्यक्षेत्र में सबसे अधिक मांग युवाओं को इसीलिए होती है क्योंकि वे अधिक कार्य करने में सामर्थ्यवान व सक्षम होते है, लेकिन यदि युवा ही शक्तिहीन और अस्वस्थ हो जाएँ तो किसका दोष है? देश के प्रोफेशनल्स की सेहत पर नज़र रखने वालें संस्थान नेशनल इंस्टिट्यूट आफ ऑक्यूपेशनल हेल्थकी रिपोर्ट के अनुसार, बीतें पांच साल में युवाओं की कार्य क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है| संस्थान पर किये गए अध्ययन में, मेट्रो शहरों में काम करने वालें युवा में तनाव, अनिद्रा और तनाव का शिकार पायें गए है| देश के ३१.२ प्रतिशत कामकाजी युवा किसी न किसी तरह के दर्द से परेशान है जिसमे माइग्रेन प्रमुख है| ६५% युवावर्ग दर्द से परेशान है जिसकी वजह रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना, अनियमित दिनचर्या और बेतरतीब खान-पान को बताया गया है| ६५% प्रतिशत कामकाजी युवा किसी न किसी तरह के दर्द के कारण ६-८ घंटे की सामान्य नींद भी नहीं ले पाता| ४१% युवा लगातार दर्द की वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर असर हो रहा है|( स्त्रोत: अखंड ज्योति: अक्टूबर, 2015)



अत्यंत आवश्यक है कि युवा अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनें और अपने खान-पान का ध्यान रखते हुए जीवन शैली से सम्बंधित आदतों को सुधारें अन्यथा बिमारियों की मार से उन्हें पीड़ित एवं परेशान रहना पड़ेगा| अस्वस्थ युवा न तो अपने लिए कुछ कर सकता है न तो देश और समाज के लिए|

  
वर्तिका

वर्तिका

धन्यवाद ओम प्रकाश जी!

19 नवम्बर 2015

ओम प्रकाश शर्मा

ओम प्रकाश शर्मा

अस्वस्थता मन की हो या शरीर की, सबसे पहले स्वयं के लिए ही परेशानी का कारण होती है I बहुत अच्छा लेख !

19 नवम्बर 2015

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रचनाएँ
AMRIT
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अमृत-कलश के माध्यम से आप सबका ध्यान समसामयिक एवं रोचक विषयों पर करना चाहूंगी ।
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भाई-बहन के प्यार का प्रतीक : रक्षाबंधन त्योहार और उसका बढ़ता हुआ ऑनलाइन व्यवसाय !

24 अगस्त 2015
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भाई-बहन के प्यार का प्रतीक, रक्षाबंधन का त्योहार हर साल अगस्त के महीने में आता है| भाई-बहन का ये त्योहार, एक-दूसरे के प्रति अगाध स्नेह और अटूट विश्वास को दर्शाता हैं| भाई की कलाई में सजी हुई रंग-बिरंगी राखी भले ही देखने में कमजोर प्रतीत हो पर इस रिश्ते की डोर अत्यंत मजबूत होती है| इस त्योहार पर बहने

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ठंढी अंधियारी रात में , सुन सां सा किनारा , जाने कितने रज्ज छुपाए बहती थी जल धरा.............

16 सितम्बर 2015
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ठंढी अंधियारी रात में , सुन सां सा किनारा , जाने कितने रज्ज छुपाए बहती थी जल धरा.............

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प्यार की बोली, "हिंदी"!

26 सितम्बर 2015
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घोल कर मिठास और प्यार,हिंदी की महिमा अपरम्पार,हिंदी में व्यक्त करके मन के उदगार, करें दूर अपना तनाव,फिर चाहे हो, लखनऊ के नवाब या हैदराबाद के जनाब,आये मीठी बोली सभी को रास,कविता, कहानी हो या हो हास-परिहास,हिंदी की कुछ ख़ास है बात, साथ हो गर, शब्दनगरी का साथ,इस मंच पर साझा करो अपने विचार,नए दोस्त बनाओ

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अपने भीतर जागृत करें आत्मविश्वास!

3 अक्टूबर 2015
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कल्पनाओं को कैसे करें साकार!

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हौसला रख

13 अक्टूबर 2015
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आज के समय में, चमकदार त्वचा, सुंदर नाक-नक्श, स्वस्थ एवं संतुलित, सुडौल आकार ही सुंदरता का मानदंड हैं। परन्तु बाह्य सुंदरता ही सुंदरता की परिभाषा नहीं हैं वरन परोपकारिता और उदारता से भरा हुआ दिल ही आत्मा का सौंदर्य है। भीतरी सुंदरता इंसान की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है। अच्छी सोच और सकारात्मक विचार

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बनाएं जीवन को खुशहाल!

15 अक्टूबर 2015
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आज के दौर में लोग नहीं जानते की ख़ुशी क्या हैं? लोग सोचते हैं की ढेर सारे पैसे, ऐशो आराम के साधन उन्हें ख़ुशी दे सकते हैं परन्तु वास्तविक स्थिति एकदम विपरीत हैं। व्यक्ति कम संसाधनों में भी खुश रह सकता हैं सच्चाई तो यह है है की ख़ुशी कहीं और नहीं हमारे अंदर छुपी हुई हैं । ख़ुशी एक मनः स्थिति हैं और पूर

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चिंता से बचें, चिंतन करें!

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चिंता होना स्वभाविक होता है, लेकिन ऐसी बहुत सी व्यर्थ की चिंताए हमारे पास होती हैं जो जीवन को घुन की भांति खा जाती हैं। आज के दौर में, देखा जाएँ तो जीवन  चिंताग्रसित होता जा रहा हैं, चिंता करना मनुष्य का स्वभाव बनता जा रहा है। हमें ऐसी चिंता से बचना हैं।स्वामी रामतीर्थ ने कहा है कि , "चिंताएं, परेश

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26 अक्टूबर 2015
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पुस्तकों की दुनिया निराली हैं । जो एक बार पुस्तकों की निराली दुनिया में डूब गया वो शायद ही उससे निकलना चाहे। अच्छी पुस्तकों के द्वारा हमारे अंदर छुपे रचनात्मक पहलु को नयी दिशा मिलती हैं। हालाँकि, आजकल डिजिटल युग में, लोग #पुस्तक पढ़ने की अपेक्षा अपना ज्यादा समय ऑनलाइन गेम्स और इंटरनेट की आभासी दुन

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भारतीय संस्कृति की विशेषतायें!

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भारत, मानव जाति का पालना  है, मानव वाणी का जन्मस्थान, इतिहास की जननी, किंवदंतीयों की मातामही, और परंपरा की  महा मातामही , मानवीय इतिहास की  सबसे मूल्यवान और शिक्षाप्रद वस्तुएं भारत में ही निहित है। -मार्क ट्वेनभारतीय संस्कृति विश्व की सबसे समृद्ध संस्कृति मानी जाती है।अखिल विश्व गायत्री परिवार (AWGP

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स्वच्छ जल की समस्या!

28 अक्टूबर 2015
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जल जीवन का आधार है। सचमुच जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती इसीलिए कहा जाता हैं <!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves></w:TrackMoves> <w:TrackFormatting></w:TrackFormatting> <w:PunctuationKerning></w:PunctuationKerning> <w:V

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करवाचौथ का चाँद!

29 अक्टूबर 2015
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करवाचौथ पर सुहागिन महिलाओं को रहता हैं, चाँद का इंतज़ार! इस दिन सुहाग के सभी प्रतीकों से सुसज्जित होकर, महिलाएं चाँद का घण्टों इंतज़ार करती हैं। चाँद के दीदार के बाद ही पूजन विधि संपन्न कर महिलाएं अपना व्रत खोलती है। सुहागनों के लिए ये पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, इस दिन ये अपनी पति की लम्बी आयु के ल

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भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी में कैसे रखें सुन्दरता का ख्याल!

2 नवम्बर 2015
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जानिए अपना आयुर्वेदिक बॉडी टाइप!

4 नवम्बर 2015
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असीमित शक्ति का भंडार है: मन

4 नवम्बर 2015
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जीना इसी का नाम है!

17 नवम्बर 2015
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विद्यार्थियों को मिलें, शिक्षा संग विद्या !

18 नवम्बर 2015
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युवा बनें स्वस्थ और सशक्त!

19 नवम्बर 2015
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पुरुषार्थ से बदलता है भाग्य!

23 नवम्बर 2015
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पुरुषार्थ के द्वारा मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता बनता है। कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प,आशावाद और प्रेरणा का समावेश, मनुष्य में नयी उमंग और प्रेरणा भरता है। जीवन में श्रम का विशेष महत्व है क्योंकि परिश्रम वह सुनहरी कुंजी है जो भाग्य के बंद कपाट खोल देती है। परिश्रम ही जीवन की सफलता का रहस्य है, परिश्रम व

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केप टाउन के विहंगम दृश्य (यात्रा वृत्तांत)-१

24 नवम्बर 2015
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"जीवन", भगवान का एक सुंदर उपहार है जो हमें अपने अनुभवों से सीखकर अपने आप को विकसित करने का अवसर प्रदान करता है। यात्रा, एक ऐसा अनुभव है जो हमारे दिल को सुनहरी यादों के साथ सिक्त कर देता है। हमारी केप टाउन यात्रा, एक अप्रत्याशित यात्रा थी जिसने हमारी ज़िन्दगी में नए रंग भर दिए|दुनिया में कुछ चुनिदा

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ताकि हँसता खिलखिलाता रहे, बचपन!

27 नवम्बर 2015
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जीवन की परिभाषा, "संघर्ष"

30 नवम्बर 2015
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सोशल मीडिया की आम ज़िन्दगी में भागीदारी!

2 दिसम्बर 2015
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