नई दिल्ली: कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ की तैनाती का विरोध करने वाले अलगाववादियों और आतंकियों की मुश्किल उस वक्त और बढ़ गई जब सरकार ने घाटी में बीएसएफ को तैनात करने का फैसला लिया. बीएसएफ ने अपने पिछले तैनाती के दौरान करीब 2800 आतंकियों का इंकाउंटर किया था. सीआरपीएफ की तुलना में बीएसएफ को ज्यादा घातक अर्द्धसैनिक बल माना जाता है. आतंकरोधी अभियानों और हथियारों के मामले में इसकी कुशलता बेहतर है. बीएसएफ की तैनाती से परेशान अलगाववादियों ने इसका विरोध करने का मन बना लिया है.
BSF ने मारे थे 2800 आतंकी
बीएसएफ को लगभग 14 साल तक कश्मीर में आतंकरोधी अभियान चलाने का अनुभव भी है. कश्मीर में 14 साल की तैनाती के दौरान बीएसएफ ने लगभग 2800 आतंकियों को मार गिराया था. इनमें 100 शीर्ष आतंकियों के साथ 2001 में संसद पर हमले का मास्टरमाइंड गाजी बाबा भी शामिल था. इस दौरान बीएसएफ ने 9,400 आतंकियों को गिरफ्तार किया था और 10 हजार से ज्यादा हथियार जब्त किए थे.
कांग्रेस ने हटाया था BSF
2005 में बीएसएफ की जगह पर सीआरपीएफ को लाया गया था क्योंकि तत्कालीन यूपीए सरकार ने सभी अर्द्धसैनिक बलों के कार्यक्षेत्र का बंटवारा कर दिया था. इसके बाद बीएसएफ को नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के लिए भेज दिया गया था. जबकि आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ के हाथों में दे दी थी.
26 कंपनियों की होगी तैनाती
घाटी में बीएसएफ की 26 कंपनियों को राज्य के इलाकों में कानून व्यवस्था बनाने के लिए भेजा जा रहा है. इन बलों को गुजरात, राजस्थान और पश्चिम बंगाल से लिया गया है. इसके अतिरिक्त अमरनाथ यात्रा की ड्यूटी से हटाए जाने के बाद बल की 30 अतिरिक्त कंपनियों को भी अगले कुछ दिन में राज्य में भेजे जाने की संभावना है.
BSF की तैनाती से बौखलाए अलगाववादी
BSF की तैनाती की खबर सुन अलगाववादीयों के हाथ पांव फूल गए हैं. पहले से सीआरपीएफ को हटाने की बात करने वाले अलगाववादियों के लिए BSF की तैनाती के बाद अपना एजेंडा चलाना मुश्किल हो जाएगा. बताया जा रहा है कि BSF की तैनाती का विरोध करने के लिए सभी अलगाववादी नेता एक होने का प्लान बना रहे हैं. हलांकि इस मुद्दे पर इंडिया संवाद ने हुरियत कांफ्रेंस नेता सय्यद अलिसाह गिलानी से बात की तो उन्होंने ऐसी किसी भी बात होने से इंकार किया. लेकिन सूत्रों के हवाले से पुख्ता जानकारी मिल रही है कि अलगाववादी अपना विरोध तेज करने का प्लान बना रहे हैं.