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काव्य / ग़ज़ल

hindi articles, stories and books related to kavya--gazal


ग़मों को अपने छुपाऊं कैसे ।

सबको ये सच बताऊं कैसे ।।


ऐतबार नहीं जब उनको

मिरी तलाश ख़त्म हो गई अब ।

अपने वजूद से मिल चुका हूँ मैं ।।


©डॉक्टर वासि

   🌺 चंद अश'आर 🌺


शीर्षक( उनवान ) - " धुंध इश्क़ की "

ग़मों का पिटारा अब खोलेंगे हम ।

बिछड़ कर उनसे बस रोलेंगे हम ।।


©डॉक्टर वा

इश्क़ करने का बहाना चाहिए ।

उन्हें एक आशिक़ दीवाना चाहिए ।।


जहां कद्र हो

🌺 मतला और एक शे'र 🌺


ये कैसी उलझन में पड़ गया हूँ मैं ।

हिज्र से अकेले

 मेरी हसरत " -



क़ायनात के हर ज़र्रे से प्यार है ।

चमन

शीर्षक -    " शर्मीला चाँद "



मेरा चांद बहुत शर्मीला है

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