नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के फोन टैपिंग के आरोपों का मोदी सरकार ने खंडन किया है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि किसी भी जज के फोन टेप होने से मैं इन्कार करता हूं। मोदी सरकार न्यायपालिका की आजादी और मजबूती के लिए काम करने के प्रति प्रतिबद्ध है।
क्या कहा था केजरीवाल ने
दरअसल मौका दिल्ली हाईकोर्ट के स्वर्ण जयंती समारोह का था। जब केजरीवाल के बोलने की बारी आई तो उन्होंने समारोह में मौजूद पीएम मोदी पर निशाना साधना शुरू कर दिया। आरोप लगाते हुए कहा कि गैरकानूनी तरीके से जजों के फोन टैप किए जा रहे हैं। दो जज आपस में बात कर रहे थे तो उनकी बातचीत सुनकर इसका खुलासा हुआ। जब केजरीवाल मोदी की मौजूदगी में आरोप मढ़ने लगे तो हॉल में लोग अवाक रह गए।
जजों की नियुक्ति में क्यों हो रही देरी
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि दो जजों को उन्होंने फोन टैपिंग को लेकर बात करते सुना है। अगर ऐसा सचमुच में हो रहा है तो न्यायपालिका पर सबसे बड़ा हमला है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में रिक्तियां चिंता का विषय है, नियुक्ति में देरी अफवाहों को हवा देती है, जो लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। कॉलिजियम ने केंद्र सरकार को सूची भेजी, लेकिन केंद्र सरकार ने पद नहीं भरे। ऐसा नियम बनाया जाए कि कॉलिजियम की सिफारिश आते ही 48 घंटे में केंद्र लागू करे।