देश में यूं तो समय-समय पर कई घोटाले हुए, मगर कुछ घोटाले इतने बड़े रहे कि वे भुलाए नहीं भूलते। इसमें केंद्रीय मंत्रियों से लेकर बड़े नौकरशाह शामिल रहे। हम आपको कुछ बडे़ घोटालों से रूबरू करा रहे। जिसमें जनता का तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का पैसा नेता-नौकरशाह मिलकर खा गए।
कोयला घोटाले
1.86 लाख करोड़ का नुकसान
देश के इतिहास में कोयला घोटाला को सबसे बड़े घोटाले के रूप में जाना जाता है। इसे कोलगेट घोटाले के नाम से भी जाना जाता है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के मुताबिक देश के राज कोष को 1.86 लाख करोड़ का चूना लगा। इस घोटाले की गूंज सड़क से लेकर संसद तक सुनाई दी। इस घोटाले की आंच प्रधानमंत्री ऑफिस तक पहुंची।
2G घोटाला
1,76,000 करोड़ का नुकसान
सरकार ने मोबाइल कंपनियों को 2 जी स्पेक्ट्रम के लाइसेंस आवंटित किए। आरोप लगा कि लाइसेंस अयोग्य कंपनियों को दिए गए जैसे कि यूनिटेक और स्वान टेलीकॉम जैसी कंपनियों को जिन्हें दूरसंचार क्षेत्र में काम करने का कोई अनुभव नहीं था। मामला कोर्ट तक पहुंचा जिसके बाद लाइसेंस को रद्द कर दिया गया। इस घोटाले में राजकोष को 1,76,000 करोड़ का नुकसान हुआ। तत्कालीन मंत्री को जेल तक जाना पड़ा।
कॉमनवेल्थ घोटाला
70000 करोड़ रूपए का नुकसान
कॉमनवेल्थ घोटले को CWG घोटाले के नाम से जाना जाता है। इस घोटाले ने देश को विदेशो में बदनाम किया। इससे राष्ट्र को 70000 करोड़ रूपए का चूना लगा। इसकी जांच केंद्रीय सतर्कता आयोग की जिसमे कहा गया कि पैसे को पानी की तरह बहाया गया। इस घोटाले में कांग्रेसी नेता को जेल भी जाना पड़ा।
तेलगी घोटाला
20,000 करोड़ रुपये का नुकसान
अब्दुल करीम तेलगी एक ऐसा आदमी जिसे ठगी का उस्ताद कहा जाता था उसने नकली स्टांप पेपर से विभिन्न वित्तीय संस्थानों और बैंकों को बेचकर करोड़ो बनाए। इसमें उच्च सरकारी अधिकारियों ने उसका साथ दिया इस घोटाले को भारतीय राजनीति और न्यायपालिका प्रणाली की विफलता माना गया है।
सत्यम घोटाला
14,000 करोड़ रुपये का नुकसान
साल 2009 में एक ऐसा घोटाला सामने आया जिससे कॉर्पोरेट जगत हिल गया भारत के इतिहास में ये सबसे बड़ी धोखाधड़ी सत्यम के चेयरमैन रामालिंगा राजू की थी। जिसने हर किसी को अंधेरे में रखा। एक दशक तक वह फर्जी खातों के नाम से पैसे का गमन करता रहा। सत्यम को बाद में टेक महिंद्रा ने खरीद लिया और बाकी एक इतिहास है।
जीप घोटाला
नुकसान 80 लाख
आजादी के बाद 1948 में जीप घोटाले को भारत में पहला बड़ा भ्रष्टाचार का मामला माना जाता है । विजय कुमार कृष्ण मेनन, ब्रिटेन के लिए तत्कालीन भारतीय उच्चायुक्त, ने प्रोटोकॉल की अनदेखी की और 200 सेना जीप की खरीदने के लिए एक विदेशी फर्म से 80 लाख रुपये में सेना के लिए जीप खरीदने के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। जबकि सिर्फ भारत को 155 जीप ही मिली जिससे देश को 80 लाख का नुकसान हुआ। ऐसा कहा गया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री ने सरकार को ये स्वीकार करने के लिए मजबूर किया।
जानिए, देश के कुछ बड़े घोटाले, जिसमें मंत्री खा गए देश की जनता का तीन लाख करोड़ से ज्यादा