नई दिल्ली : वर्तमान मोदी सरकार एक तरफ आईएएस अफसरों की भारी कमी से जूझ रही है वहीँ पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के टकराव ने इसे और भी मुश्किल बना दिया है। ताजा आंकड़ों की माने तो पश्चिम बंगाल एक ऐसा राज्य है जिसने अपने यहाँ से केंद्र सरकार को डेपुटेशन पर आईएएस अफसर देने में भारी कमी की है। एक नवंबर तक के आंकड़ों के अनुसार पश्चिम बंगाल ने सेन्ट्रल डेपुटेशन रिजर्व (CDR) के लिए तय 78 में से मात्र 12 आईएएस अफसरों को अभी केंद्र में डेपुटेशन पर भेजा है।
अक्टूबर 2014 का आंकड़ा बताता है कि पश्चिम बंगाल कैडर के मात्र 27 आईएएस दिल्ली में काम कर रहे हैं। आईएएस अफसर राज्य कैडर के होते हैं और उन्हें एक तय कोटे के तहत केंद्र ने भेजा जाता है जिसे सीडीआर कहते हैं। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार राज्यों की ओर से 1382 अफसरों को डेपुटेशन पर केंद्र में भेजा जाना था जबकि अभी राज्यों की ओर से मात्र 545 अफसर केंद्र में काम कर रहे हैं। जिनमे छत्तीसगढ़ - 35 में से 5, वेस्ट बंगाल 78 में से 12 तमिलनाडु 81 में से 22, महारष्ट्र 78 में से 21, राजस्थान - 64 में से 18 और हरियाणा के 44 में से 15 आईएएस अफसर केंद्र के किये मुहैया करवाये गए हैं।
तीन राज्यों में अफसरों की सबसे ज्यादा कमी
कार्मिक मंत्रालय ने इसी साल अप्रैल में बताया था कि यूपी में 115 तथा बिहार में 112 आईएएस अफसरों की कमी बनी हुई है। हालांकि पश्चिम बंगाल में करीब 150 पद खाली हैं। इन तीन राज्यों में सबसे ज्यादा कमी बनी हुई है। इसलिए अगले बैच से इन राज्यों को सर्वाधिक अफसर आवंटित होने की उम्मीद है। इसके अलावा छोटे राज्य झारखंड में भी करीब 95 रिक्तियां हैं। इसलिए झारखंड को भी नई योजना का लाभ मिल सकता है।