नई दिल्ली: नोटबंदी और कैशलेस अर्थव्यवस्था के सरकारी शोरगुल में फंसे आम लोगों के मुरझाये चेहरों पर अगर कोई मुस्कराहट ला सकता है तो वो हैं हास्य - व्यंग्य का माहौल. हाल ही में नोटबंदी के फैसले के बाद दुबई में एक ऐसी ही शायराना महफ़िल में जुटे मशहूर शायर मुनव्वर राणा , आम आदमी पार्टी के नेता और मंचीय कविता के सुपर स्टार डॉक्टर कुमार विश्वास, ग़ज़लकार राजेश रेड्डी और व्यंग्यकार डॉक्टर संपत.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के निशाने पर तो रहते ही हैं, यहाँ भी व्यंग्य का मुख्य केंद्र उन्हीं की नीतियां रहीं- चाहे नोटबंदी हो या स्वच्छ भारत अभियान या बुलेट ट्रेन का सपना.
व्यंग्य के तीर दनादन दागे गए और लोगों ने हंस हंस कर शब्दों की इस तीरन्दाजी का लुत्फ़ उठाया .
आप भी सुनिये और इस अंदाज़-ए-बयां का मज़ा लीजिये-