नई दिल्ली : मोदी सरकार द्वारा लागू की गई नोटबंदी आज से छह साल पहले आये मेडिकल कॉउंसिल ऑफ़ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष केतन देसाई के भ्रष्टाचार के मामले को कमजोर बना सकती है। इस मामले के एक अभियुक्त ने विशेष अदालत से अपील की है कि आज से ठीक छह साल पहले सीबीआई ने इस मामले में एक अभियुक्त से जो 2 करोड़ रूपये की बरामदगी किये वह नोट अब पुराने हो चुके हैं इसलिए उन्हें बैंक में जमा किया जाए। 22 अप्रैल 2010 को इस मामले में बिचौलिये जेपी सिंह के पास से 2 करोड़ रूपये जब्त किये गए थे।
अभियुक्त की ओर से दायर याचिका के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई पर रोक लगा दी थी। इस मामले की जांच कर रही सीबीआइ ने विशेष अदालत में अभियुक्त की इस याचिका का विरोध कर कहा है कि ये नोट रिश्वत के हैं जो इस मामले में महत्वपूर्ण सुबूत हैं। अगर इन्हें बैंक में जमा किया गया तो इससे अभियोजन का पक्ष काफी कमजोर हो जाएगा। गौरतलब है कि इन नोटों को पहले अदालत के समक्ष भी प्रस्तुत नहीं किया गया है।
क्या था मामला ?
केतन देसाई आरोप है कि उन्होंने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष पद पर रहते हुये न केवल किसी मेडिकल काॅलेज से 20 लाख रूपये की रिश्वत ली थी वहीं पद का दुरूपयोग करते हुये बेनामी संपत्ति भी प्राप्त की। साल 2009 में देसाई पर साजिश रचने और भ्रष्टाचार का मामला सार्वजनिक हुआ था। इस मामले में उन पर सीबीआई ने प्रकरण दर्ज करते हुये जेल भेज दिया था। हालांकि बाद में वे जमानत पर रिहा हो गये थे।