
वाशिंटन : अमेरिकी राज्य फ्लोरिडा अपने यहाँ अजगरों की समस्या के समाधान को खोजने के लिए आधी दुनिया के चक्कर लगा चुका है लेकिन यह समस्या ख़त्म होने का नाम नही ले रही है। पिछले कुछ सालों में फ्लोरिडा में अजगरों ने छोटे स्तनधारियों को अपना निवाला बना दिया है। इससे कई स्तनधारी विलुप्ति की कगार पर आ गए हैं।
अब फ्लोरिडा के वन्य विभाग ने इन अजगरों से निपटने के लिए तमिलनाडु के इरुला आदिवासियों से संपर्क किया है। ख़बरों के अनुसार 2 हफ़्तों में इन लोगों ने 14 अजगरों को पकड़ लिया है। इनमे से एक मागमच्छ भी है। इरुला आदिवासियों ने अब तक जिन अजगरों को पकड़ा है उनमे से एक 16 फ़ीट लंबा भी है।
आदिवासी ईरुला मासी और वाडिवेल गोपाल तो फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के साथ इस पर काम भी कर रहे हैं। एक साल पहले राज्य के 1000 लोगों ने अजगरों को पकड़ने के लिए एक अभियान चलाया। एक साल में तकरीबन फ्लोरिडा में 200 अजगर ही पकडे जा सके। अब फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी तमिलनाडु की इरुला जनजाति के साथ मिलकर इन अजगरों को पकड़ने पर काम कर रही है।
कौन है इरुला आदिवासी
इरुला आदिवासी तमिलनाडु के देनाकनिकोट्टई के नजदीक जंगली इलाकों में रहते हैं। कहा जाता है कि सांप और चूहे पकड़ने में ये आदिवासी दक्ष हैं। क्योंकि ये चूहों को खाते हैं। ये लोग चूहे का बिल देखकर की इनकी प्रजाति का पता लगा लेते हैं।
सांप पकड़ने वाले अक्सर पारंपरिक ट्रैकिंग तकनीक का उपयोग करते हैं लेकिन इस तकनीक से अक्सर असफलता मिलती है। यूएफ जीववि ज्ञान ी फ्रैंक मैजोटी का कहना है कि बिना इरुला आदिवासियों के इन सांपों को नही पकड़ा जा सकता। वह कहते हैं कि ''हम उम्मीद कर रहे हैं कि वे फ्लोरिडा में लोगों को इन कौशल के कुछ सिखा सकते हैं''।