नई दिल्लीः जनता दवा-इलाज को तरसे और सरकारी धन मंत्रियों के नाश्ते पर बरसे। यूपी से कमोबेश एक साथ ये दो खबरें फ्लैश हुईं। पहली खबर कानपुर के हैलट अस्पताल के स्टाफ की संवेदनहीनता को बयां करती है तो दूसरी खबर जनता के दुख से बेपरवाह अखिलेश यादव के मंत्रियों की नफासत उजागर करती है। कानपुर में हैलट अस्पताल में इलाज के अभाव में मौत हुई तो पिता सुनील के कंधे पर बेटे के लाश ढोने की खबरों ने लोगों को सन्न कर दिया। सिस्टम ने एक घर का चिराग बुझा दिया। उधर जिन सरकार के जिन मंत्रियों पर सिस्टम दुरुस्त करने की जिम्मेदारी है उन्हें अपनी पॉकेट मनी का पाई-पाई खर्च करने की चिंता जरूर है, मगर जनता के दुख से कोई मतलब नहीं। अब देखिए न। खुद सपा सरकार स्वीकार करती है कि उनके मंत्रियों की ओर से चाय-नाश्ते पर 8.78 करोड़ रुपये खर्च हुए। इसमे कबीना मंत्री आजम खान ने 22.86 लाख रुपये तो अरुण कुमार कोरी ने सबसे ज्यादा 22.93 लाख रुपये उड़ाए। यह पैसा पॉकेट मनी के रूप में मंत्रियों को मिलता है, मगर चाय-समोसा खाने में मंत्री इतना फूंक देंगे किसी को अंदाजा नहीं था।
कैसे हुआ खुलासा
दरअसल भाजपा विधायक सुरेश खन्ना ने विधानसभा में सरकार से मंत्रियों की पॉकेट मनी के खर्च पर सवाल पूछा था। साथ ही यह भी पूछा था कि पॉकेट मनी के खर्च को कम करने के लिए सरकार क्या उपाय कर रही है। जिस पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सभी मंत्रियों की ओर से मार्च 2012 से 2016 के बीच खर्च धनराशि का अलग-अलग विवरण दिया। उन्होंने कहा कि पॉकेट मनी की मितव्ययिता के लिए यूपी में भ्रमण के दौरान मंत्रियों को ढाई हजार और यूपी से बाहर व देश में भ्रमण के दौरान तीन हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से खर्च की सीमा तय की है।
किस मंत्री ने कितनी उड़ाई पॉकेट मनी
मंत्री पॉकेट मनी
अरुण कुमार कौरी 22.93 लाख
आजम खान 22.86
कैलाश चौरसिया 2285900
शिव कुमार बेरिया(अब पूर्व मंत्री) 2193900 रु.
अरविंद सिंह गोप 2187900
शादाब फातिमा 72500
सुधीर कुमार रावत 122500
शैलेंद्र यादव ललई 154000
राधेश्याम सिंह 157500