नई दिल्ली: अगर आपकी सगाई होने वाली है और आप अपनी सगाई में अपने पार्टनर को हीरे की अंगूठी पहनाने की सोच रहे हैं तो सावधान! क्योंकि दीवाली से पहले ही भारतीय बाजार ने चाइनीज हीरे ने सेंध लगा दी है। दिखने में ये हीरे बिल्कुल असली दिखते हैं लेकिन ये चीनी हीरे असली नहीं हैं। असली हीरे की अंगूठी की कीमत लगभग 1 लाख रुपये होती है लेकिन चीनी हीरे से बनी अंगूठी की कीमत 35 हजार रुपये में मिल जाती है। बताया जाता है नकली हीरे बनाने में चीन दुनिया में सबसे आगे है। चीन में रोजाना लगभग दस हजार से ज्यादा हीरे से निर्यात हो रहे हैं।
कैसे पहचाने नकली हीरों को
नकली हीरों की पहचान करना आसान नहीं है लेकिन कुछ तरीके अपनाकर इनसे बचा सकता है। कुछ हीरों विशेषज्ञों की मानें तो जब हीरों के पैकेट आते हैं तो इन्हें ऑटोमेटिक मेलिंग स्क्रीनिंग के जरिये पास कर दिया जाता है। इस तरह से करीब 98 प्रतिशत असली हीरा पास हो जाता है। हीरों विशेषज्ञों की मानें तो नकली या सिंथेटिक हीरा बनाने के लिए निकोल और आयरन का इस्तेमाल किया जाता है। इसी से नकली हीरों की पहचान की जा सकती है क्योंकि कभी-कभी सिंथेटिक हीरों में यह आयरन और निकोल बनाते समय हीरे में रह जाता है। ऐसे हीरों के सामने मैग्नेट रखा जाए तो हीरे मैग्नेट में चिपक जाते हैं। जिससे नकली हीरों की पहचान आसानी से की जा सकती है।
कैसे बनते हैं नकली हीरे
वै ज्ञान िको की माने तो एक असली या प्राकृतिक हीरा बनने में लगभग दस लाख वर्ष लग जाते हैं। लेकिन एक नकली हीरा लैब में महज 100 घंटे में तैयार हो जाता हैं। नकली हीरे को लैब में मनचाहे आकार, आकृति, रंग और विद्युतीय चमक वाला बनाया जा सकता है। नकली हीरे की इस तकनीक को सीवीडी (केमिकल वेपर डिपोजिशन) कहते हैं। जो सबसे पहले जर्मनी के फ्राउनहोफर इंस्टीट्यूट ने विकसित की थी। लेकिन बाद में चीन ने इसका सबसे ज्यादा फायदा उठाया और आज दुनिया में सबसे ज्यादा नकली हीरे चीन में बनते हैं।
नकली हीरों पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ
नकली हीरों पर जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका से ग्रेजुएट डायमंड स्पेशलिस्ट श्रेयांश कपूर ने बताया कि चीन में सीवीडी तकनीक से तैयार हीरों की पहचान करना बहुत ही मुश्किल है। इन नकली हीरों की पहचान करना एक आम आदमी के लिए आसन नहीं है इन्हें जेमोलॉजिकल एक्सपर्ट ही पहचान सकते हैं। इसलिए हीरा सर्टिफाइड और विश्वासपात्र शोरूम से ही लें। हीरे के साथ दिया जाने वाला सर्टिफिकेट आंख मूंदकर न लें। याद रखें कि इन लैब में बने नकली हीरो की कोई अहमियत नहीं है।
भारत में कहाँ बनते हैं हीरे
गुजरात के सूरत में भारत के सबसे ज्यादा हीरे बनते हैं एक आंकड़े के अनुसार दुनियाभर के 11 में से 9 हीरे सूरत में तराशे जाते हैं। मसलन 96 फीसद लेबर वर्क जिसमें हीरों की कटिंग-पॉलिशिंग और फिनिशिंग सूरत के हीरा बाजार से होता है।
नकले हीरों पर बोले सूरत डायमंड एसोसिएशन के प्रमुख
चीन के नकली हीरों पर सूरत डायमंड एसोसिएशन प्रमुख दिनेश नावड़िया ने कहा है कि हमे मुनाफाखोर आभूषण निर्माताओं द्वारा असली हीरों के साथ नकली हीरे आभूषण में मिलाने की शिकायत मिली है। शिकयत मिलने के बाद उस पर हमने काम शुरू कर दिया है। असली हीरों की परख के लिए न सिर्फ मशीने विदेशों से खरीदी हैं। इसके साथ ही हमने ग्राहकों को हीरों का सर्टिफिकेट से लेकर भरोसेमंद दुकानदारों की लिस्ट भी तैयार कर ली है और वेबसाइट के जरिये ग्राहकों को जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में बिकने वाले 85 प्रतिशत हीरे सूरत हीरा बाजार में तराशे जाते हैं और ऐसे में नकली हीरों के कारण विश्व स्तर पर भारतीय हीरा कारोबारियों की छवि खराब होती है।