नई दिल्ली : देश के सबसे बड़े राजनैतिक घराने में पिछले कई हफ़्तों से चल रही घमासान के बाद अब ये बात साफ हो गयी है कि सीएम अखिलेश यूपी में अपने पिता की समाजवादी पार्टी से विधानसभा चुनाव मैदान में दो-दो हाथ करने को तैयार है. जिसके चलते अखिलेश और उनके समर्थक अब 'राष्ट्रीय समाजवादी पार्टी' से चुनाव लड़ेंगे.
सपा के होंगे दो फाड़
सूत्रों के मुताबिक ये नई पार्टी किसी और की नहीं बल्कि सपा से टूटे हुए लोगों की बनायीं गयी नई पार्टी है. जिसके नाम की घोषणा अखिलेश जल्दी ही कर देंगे. विदित हो कि 'इंडिया संवाद' ने गुरुवार को ही बता दिया था कि अखिलेश अपने चाचा राम गोपाल के साथ मिलकर नई पार्टी बनाने जा रहे है. इसीलिए सीएम अखिलेश के चाचा राम गोपाल चुनाव आयोग गए थे. हालाँकि कल तक यह बात साफ नहीं हुई थी, लेकिन इस बात के संकेत गुपचुप तरीके से जरूर मिल रहे थे.
घर की घमासान दिखेगी चुनाव मैदान पर
लेकिन शुक्रवार को यह स्थिति साफ हो गयी है कि यूपी के सबसे बड़े राजनैतिक घराने की घमासान पहली बार यूपी के होने जा रहे विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिलेगी. जिसके चलते एक तरफ सपा मुखिया और अखिलेश के पिता मुलायम सिंह अपने प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव प्रचार करते नजर आएंगे. तो वहीँ दूसरी तरफ सीएम अखिलेश अपनी पार्टी के प्रत्याशियों की जनसभाएं संबोधित करते नजर आएंगे. गौरतलब है कि पार्टी में मची इस घमासान के बीच कई बड़े नेता भी मुलायम का साथ छोड़कर अखिलेश का दामन पहले से ही थामने को लेकर वेताब है.
कई बड़े दिग्गज मुलायम को छोड़कर जायेंगे
सूत्रों के मुताबिक पार्टी में अमर सिंह और जयाप्रदा के आने से अपमानित होकर बैठे आज़म खान भी अपने पुराने साथी मुलायम का साथ छोड़कर उनके बेटे अखिलेश के साथ जा रहे है. यही नहीं सीएम अखिलेश ने इस बार राजनीति के अखाड़े में अपने पिता को भी मात दे दी है. अखिलेश के करीबी लोगों की मानें तो वह यूपी में कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में फिर से सीएम बनने के लिए अपनी किस्मत आजमाएंगे. बहरहाल अखिलेश की पार्टी का नाम 'राष्ट्रीय समाजवादी पार्टी' और उनका चुनाव चिन्ह अब साइकिल नहीं मोटर साइकिल होगा.